नियमों को तोड़ते हुए दो तहसीलदारों ने बिल्डरो को सरकारी जमीन दी, जिसे कलेक्टर ने निलम्बित कर दिया,
मामले की जांच करते हुए ज्वाइंट कलेक्टर मनीष साहू ने पाया कि नायब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल और अतिरिक्त तहसीलदार शशि भूषण सोनी ने पद का दुरुपयोग करते हुए कालोनाइजर को शासकीय भूमि से गैर-नियमित रास्ता देकर शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाने की कोशिश की है।
शासकीय भूमि को बिल्डरों के निजी उपयोग के लिए देने पर कलेक्टर ने तत्कालीन तहसीलदारों पर निलम्बन कार्रवाई की अनुशंसा की है। संभागायुक्त को की गई अनुशंसा में कलेक्टर ने तीन बिल्डरों को फायदा पहुंचाने व शासन को करोड़ों की हानि का जिक्र भी किया है।
तीन बिल्डरों को शासकीय जमीन को रास्ते के लिए आवंटन करने के मामले में शिकायतकर्ता पंकज खंडेलवाल ने मामले की शिकायत कलेक्टर अवनीश शरण से की थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच का जिम्मा ज्वाइंट कलेक्टर मनीष साहू (OIC, Land Record) को दिया था। जांच के बाद ज्वाइंन कलेक्टर मनीष साहू ने साक्ष्य को कलेक्टर अवनीश शरण को सौंप दिया। परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, कलेक्टर ने पूर्व अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी और नायाब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल को निलंबित करने और विभागीय जांच करने के लिए संभाग कमिश्नर को पत्र भेजा है। कलेक्टर ने अपनी सलाह से लाभ प्राप्त करने वाले तीनों बिल्डरों का ले-आउट भी निरस्त करने की घोषणा की है।