CGPSC प्रीलिम्स परीक्षा 2025: उम्मीदवारों के लिए आसान और चुनौतीपूर्ण सवालों का मिश्रण
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा रविवार को आयोजित CGPSC प्रीलिमिनरी परीक्षा 2025 में उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ी भाषा के सवालों के साथ-साथ सामान्य अध्ययन के सवालों में भी आसानी और उलझन का अनुभव हुआ। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, जिसमें पहली पाली का परीक्षा दोपहर 12 बजे खत्म हुआ। कई उम्मीदवारों के चेहरे पर हल्की मुस्कान और कुछ उलझन भी देखने को मिली, खासकर जब वे छत्तीसगढ़ी भाषा के सवालों से जूझ रहे थे।
छत्तीसगढ़ी भाषा के सवाल: उम्मीदवारों के लिए मुश्किल चुनौती
इस वर्ष के परीक्षा में छत्तीसगढ़ी संस्कृति, परंपराएं और भाषा से जुड़े कई सवाल पूछे गए। कुछ छत्तीसगढ़ी मुहावरे जैसे “सिरे पाव,” “खलताही बोली” और “कुडुक बोली” उम्मीदवारों के लिए कठिन थे। उदाहरण के तौर पर, एक सवाल में पूछा गया कि 408 को छत्तीसगढ़ी में कैसे लिखा जाएगा। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी संस्कृति से संबंधित कई सवाल थे, जैसे दूल्हा-दुल्हन द्वारा पहने जाने वाले परंपरागत मौर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम उद्योग शिल्प केंद्र किस शहर में स्थित है।
पहली पाली: सामान्य अध्ययन में अधिकतर आसान सवाल
सामान्य अध्ययन में व्याकरण और छंद के सवाल काफी सरल थे, वहीं सामान्य ज्ञान के सवाल भी आसान थे। कई उम्मीदवारों ने साझा किया कि आर्थिक सर्वेक्षण, केंद्र सरकार की योजनाएं और छत्तीसगढ़ के त्यौहारों से संबंधित सवालों ने उन्हें ज्यादा परेशान नहीं किया। हालांकि, छत्तीसगढ़ी भाषा के कुछ सवालों ने थोड़ी उलझन पैदा की। दिव्या नामक एक उम्मीदवार ने कहा, “इस बार के पेपर का स्तर अच्छा था, लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा के कुछ सवालों ने थोड़ी परेशानी पैदा की।”
दूसरी पाली: सी-सेट में आसान गणितीय सवाल
दूसरी पाली में सी-सेट (सिविल सर्विसेज एपटिट्यूड टेस्ट) का पेपर था, जिसमें लाभ-हानि, ब्याज और बीजगणित से संबंधित सवाल थे। यह प्रश्न उम्मीदवारों के लिए अपेक्षाकृत आसान थे। साथ ही रिज़निंग के सवालों की संख्या भी ज्यादा थी, जो उम्मीदवारों को आसानी से हल करने में मदद कर रहे थे।
इतिहास और सांस्कृतिक सवालों ने किया सोचने पर मजबूर
इतिहास में एक सवाल था, जिसमें अकबर को ‘जगत गुरु’ की उपाधि देने के बारे में पूछा गया था। कई उम्मीदवारों ने इसे विचारणीय पाया और थोड़ी देर सोचने के बाद इसका उत्तर दिया। आकाश नामक एक उम्मीदवार ने कहा, “यह सवाल मुझे थोड़ी देर सोचने पर मजबूर कर रहा था, लेकिन अंततः इसका उत्तर मिल गया।”
परीक्षार्थियों की प्रतिक्रिया: पेपर का स्तर समझने योग्य था
कुल मिलाकर, परीक्षार्थियों ने पेपर को संतुलित और समझने योग्य पाया। रविंद्र बघेल नामक एक उम्मीदवार ने कहा, “छत्तीसगढ़ी भाषा के कुछ सवाल थोड़े कठिन थे, लेकिन सामान्य ज्ञान और आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़े सवाल बहुत आसान थे।”