चैत्र शुक्ल प्रतिपदा: हिंदू नववर्ष 2082 की शुरुआत
जानें चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर हिंदू नववर्ष 2082 की शुरुआत, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पंचग्रहीय योग और ज्योतिषीय भविष्यवाणियां। सुख-समृद्धि के लिए करें विशेष पूजा

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 से शुरू हो रहा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नववर्ष की शुरुआत होती है और इस बार खास संयोग बना है क्योंकि नवरात्रि भी इसी दिन से प्रारंभ हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नववर्ष और नवरात्रि के साथ मां दुर्गा का वाहन हाथी होगा, जो सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
- प्रातःकालीन मुहूर्त: 6:15 AM से 10:20 AM तक
- दोपहर का मुहूर्त: 11:52 AM से 12:15 PM तक
कलश स्थापना के लिए यह समय अत्यंत शुभ माना गया है। इन मुहूर्तों में पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
संवत्सर 2082: नाम और ग्रहों का प्रभाव
इस वर्ष का नाम सिद्धार्थ संवत्सर है और इसका वाहन घोड़ा होगा। नए संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य होंगे, जिससे तेज गर्मी और ऊर्जा का संचार होगा।
- अन्न-धन और धातु के स्वामी: बुध
- खाद्य पदार्थों के स्वामी: मंगल
- सेनापति: शनि
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य राजा और मंत्री होने के कारण वर्षभर ऊष्मा अधिक महसूस होगी, जिससे तापमान सामान्य से ऊपर जा सकता है।
ग्रहों की स्थिति और पंचग्रहीय योग
30 मार्च को मीन राशि में सूर्य, बुध, राहु, शनि और शुक्र की उपस्थिति के कारण पंचग्रहीय योग बन रहा है। इस दिन शाम 6:14 बजे तक रेवती नक्षत्र रहेगा, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ होगा।
- केतु कन्या राशि में
- गुरु बृहस्पति वृष राशि में
- मंगल मिथुन राशि में
यह विशेष योग व्यापार, कृषि और आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने वाला साबित हो सकता है।
आषाढ़ में तेज हवा और गर्मी के संकेत
ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के अनुसार, सूर्य के राजा और मंत्री होने से गर्मी का प्रकोप अधिक रहेगा।
- चैत्र और वैशाख मास: अत्यधिक गर्मी और अग्निकांड की संभावना
- आषाढ़ मास: हवा की गति में तेजी
- सावन मास: अनाजों में तेजी
- आश्विन मास: व्यापार में स्थिरता
- कार्तिक मास: मंदी के संकेत
- पौष, माघ और फाल्गुन मास: शासकीय विरोध और सामाजिक अशांति की संभावना