
JAGDALPUR NEWS – छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट जलप्रपात पर सोमवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब स्थानीय प्रशासन ने वहां संचालित प्रवेश नाके को सील कर दिया। यह नाका एक समिति द्वारा संचालित किया जा रहा था, जो आने वाले पर्यटकों से वाहन प्रवेश शुल्क और पार्किंग शुल्क वसूलती थी।
प्रशासन का कहना है कि नाके का संचालन अवैध रूप से हो रहा था और समिति पंजीकृत नहीं थी। वहीं दूसरी ओर, नाका चला रही समिति और गांव के लोगों का कहना है कि यह नाका ग्राम सभा की स्वीकृति से चलाया जा रहा था। मार्च में आयोजित ग्राम सभा में नई समिति का गठन कर उसे नाका संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के प्रशासन ने नाका बंद कर दिया, जिससे गांव के लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
नाके को सील किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और मार्ग को कुछ समय के लिए जाम कर दिया। प्रदर्शन में गांव के सरपंच सहित कई स्थानीय लोग शामिल हुए। उनका कहना है कि प्रशासन का यह कदम जनभावनाओं के खिलाफ है और यह फैसला ग्रामीण स्वशासन की भावना को ठेस पहुंचाता है।
प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम होने से पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा तो कुछ को लंबा रास्ता अपनाकर चित्रकोट पहुंचना पड़ा।
इस पूरी घटना ने ग्राम सभा की वैधता, नाका संचालन के अधिकार और प्रशासन के हस्तक्षेप को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है। गांव के लोगों की मांग है कि नाके को दोबारा चालू किया जाए और ग्राम सभा के निर्णयों का सम्मान किया जाए।