
RAIPUR NEWS – वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और तकनीकी नवाचार के बल पर छत्तीसगढ़ ने मार्च 2025 में कर संग्रह के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य ने पहली बार ₹2,000 करोड़ से अधिक का मासिक जीएसटी संग्रह किया, जो न सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश के वित्तीय नक्शे पर भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
इस रिकॉर्ड संग्रह के पीछे कर प्रशासन में किए गए बड़े सुधार और लगातार निगरानी व्यवस्था की अहम भूमिका रही। कर विभाग ने न सिर्फ फर्जी फर्मों की पहचान कर कार्रवाई की, बल्कि टेक्नोलॉजी के सहारे टैक्स चोरी पर भी सख्त नज़र रखी। इससे न केवल राजस्व में बढ़ोतरी हुई, बल्कि करदाताओं में भी विश्वास पैदा हुआ।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य ने कुल ₹16,000 करोड़ से अधिक का जीएसटी राजस्व जमा किया, जो बीते वर्ष की तुलना में करीब 18% की वृद्धि दर्शाता है। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब कई अन्य राज्यों में राजस्व वृद्धि की गति धीमी रही।
सरकार द्वारा किए गए व्यापक निरीक्षणों और डिजिटल प्रणाली के जरिए व्यापारियों की निगरानी के कारण नॉन-फाइलर्स की संख्या में भारी गिरावट आई है। पहले जहां लगभग 15% व्यापारी रिटर्न नहीं भरते थे, अब यह आंकड़ा घटकर 6% पर पहुंच गया है।
छत्तीसगढ़ की यह आर्थिक प्रगति बताती है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक पारदर्शिता और तकनीकी सहयोग साथ हों, तो कोई भी राज्य आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और अग्रणी बन सकता है।