छत्तीसगढ़ दवा घोटाला: रीएजेंट और मेडिकल उपकरण खरीदी में करोड़ों का फर्जीवाड़ा, EOW की जांच तेज
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में रीएजेंट और अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीदी में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में रीएजेंट और अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीदी में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने दवा सप्लायर और निगम के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ईडीटीए ट्यूब खरीदी में भारी घोटाला
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, CGMSC के अधिकारियों ने ईडीटीए ट्यूब की कीमत ₹2352 प्रति नग तय की, जबकि बाजार में यही ट्यूब ₹1.70 से ₹3 तक उपलब्ध है।
हरिभूमि की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल उपकरण विक्रेताओं ने इस ट्यूब की कीमत ₹1.70 प्रति नग बताई, जबकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर यह ₹1.43 से ₹8.50 तक मिल रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अफसरों और दवा सप्लायरों ने आपसी मिलीभगत से घोटाला किया और सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
CBC मशीन 5 लाख की जगह 17 लाख में खरीदी
जांच में यह भी सामने आया कि CBC मशीन, जो बाजार में अधिकतम ₹5 लाख में उपलब्ध है, उसे CGMSC अधिकारियों ने ₹17 लाख में खरीदा। यही नहीं, बिना डिमांड के ही करोड़ों के रीएजेंट उन स्वास्थ्य केंद्रों में भेज दिए गए, जहां इनकी जरूरत ही नहीं थी।
क्या है ईडीटीए ट्यूब और इसका उपयोग?
एथिलीनडायमीनेटेट्राएसेटिक एसिड (EDTA) ट्यूब एक रक्त संग्रह ट्यूब होती है, जिसका उपयोग विभिन्न रक्त परीक्षणों, जैसे CBC (Complete Blood Count), रक्त टाइपिंग और रक्त कोशिका आकृति विज्ञान परीक्षण में किया जाता है। यह ट्यूब कांच या PET सामग्री से बनी होती है।
टेंडर स्पेसिफिकेशन बदलने से किया इनकार
सूत्रों के मुताबिक, घोटाले के दौरान मेरिल डायग्नोस्टिक और ट्रांसिया बायोमेडिकल कंपनियों ने टेंडर स्पेसिफिकेशन बदलने का सुझाव दिया था, जिससे अधिक कंपनियां भाग ले सकें और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से मेडिकल उपकरण सस्ते दर पर मिल सकें। लेकिन CGMSC के तत्कालीन एमडी ने टेंडर में कोई बदलाव करने से इनकार कर दिया, जिससे मोक्षित कॉरपोरेशन को फायदा पहुंचाया गया।
IAS समेत कई अधिकारी जांच के घेरे में
इस घोटाले में केवल दवा सप्लायर ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और दो आईएएस अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। EOW जल्द ही दर्जनभर अफसरों को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है और नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।