छत्तीसगढ़: शिक्षकों के लिए खुशखबरी! 2813 व्याख्याताओं को जल्द मिलेगी प्राचार्य पदोन्नति
छत्तीसगढ़: शिक्षकों के लिए खुशखबरी! 2813 व्याख्याताओं को जल्द मिलेगी प्राचार्य पदोन्नति

रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग से एक बड़ी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट द्वारा प्राचार्य पद पर पदोन्नति को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिए जाने के बाद, अब 2813 व्याख्याताओं के लिए प्राचार्य बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। वर्षों से लंबित इस पदोन्नति प्रक्रिया के फिर से शुरू होने से शिक्षकों के बीच खुशी का माहौल है।
शिक्षा विभाग ने बीते 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की एक सूची जारी की थी, जिस पर 1 मई को हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश दे दिया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, हाईकोर्ट में 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई चली। इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने अपने-अपने पक्ष में ठोस दलीलें और तथ्य पेश किए। सुनवाई पूरी होने के बाद, कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, और आज (2 जुलाई 2025) सभी याचिकाओं को निरस्त कर दिया, जिससे पदोन्नति पर लगी रोक हट गई।
छत्तीसगढ़ प्राचार्य पदोन्नति फोरम के प्रतिनिधि, अनिल शुक्ला और राकेश शर्मा ने बताया कि न्यायालय के इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद, स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही 30 अप्रैल 2025 को जारी व्याख्याता और प्रधान पाठक (माध्यमिक विद्यालय) से प्राचार्य पदोन्नति के 2813 पदों के लिए पदस्थापना आदेश जारी करेगा।
स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य के कुल 4690 स्वीकृत पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 1430 प्राचार्य ही कार्यरत हैं। इसका मतलब है कि 3224 पद पिछले कई सालों से खाली पड़े थे। आखिरी बार स्कूल शिक्षा विभाग में 2016 में और आदिम जाति कल्याण विभाग (जो अब स्कूल शिक्षा विभाग का हिस्सा है) में 2013 में पदोन्नतियां हुई थीं। दस वर्षों से अधिक समय से प्राचार्य पदोन्नति न होने के कारण, चार शिक्षक संगठनों ने मिलकर प्राचार्य पदोन्नति फोरम का गठन किया था। इस फोरम ने 17 दिसंबर 2024 को इंद्रावती और महानदी भवन के सामने हजारों शिक्षकों के साथ प्रदर्शन कर सरकार पर पदोन्नति करने का दबाव बनाया था।
फोरम के प्रमुख सदस्य अनिल शुक्ला, राकेश शर्मा, आर. के. झा, श्याम कुमार वर्मा और मलखम वर्मा ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे “सत्य की जीत” बताया है। उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि जिन शिक्षकों का नाम 30 अप्रैल को जारी पदोन्नति आदेश में था, लेकिन वे अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें भी प्राचार्य पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जाए।