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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 2000 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की जांच अब सीबीआई के हवाले

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने राज्य के 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने राज्य के 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। शनिवार को सरकार ने इस संबंध में औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया। यह मामला नवंबर 2024 से प्रक्रियाधीन था, जब राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपने का निर्णय लिया था।

मुख्य बिंदु:

  1. जांच का निर्णय और प्रक्रिया:
    • नवंबर में राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपने की सहमति दी थी।
    • अब सीबीआई को अधिकृत करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
  2. महत्वपूर्ण जांचें:
    • शराब घोटाले के अलावा, महादेव सट्टा ऐप, बिरनपुर हिंसा, और छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच भी सीबीआई कर रही है।
  3. ईडी की जांच से सामने आए तथ्य:
    • ईडी ने खुलासा किया कि छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (सीएमसीएल) के अधिकारी बिल भुगतान के एवज में 8% कमीशन लेते थे।
    • ईडी ने सीएमसीएल के तत्कालीन डीजीएम सहित नौ लोगों के खिलाफ ईओडब्लू/एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

मुख्य आरोपी और रिश्वत का नेटवर्क:

  1. आरोपियों के नाम:
    • नवीन प्रताप सिंह तोमर (तत्कालीन डीजीएम, सीएमसीएल)
    • बीआर लोहिया, अजय लोहिया, अभिषेक कुमार सिंह, तिजाउराम निर्मलकर, नीरज कुमार, देवांश देवांगन, जितेंद्र कुमार निर्मलकर, लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा।
  2. रिश्वत का तरीका:
    • मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से बिल भुगतान के लिए 8% कमीशन की मांग।
    • रिश्वत नकद चैनलों के माध्यम से पहुंचाई जाती थी।
  3. ईडी की कार्रवाई:
    • 28.80 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए दो लोगों को रंगे हाथ पकड़ा।
    • नकदी एकत्र करने और वितरित करने का नेटवर्क निजी कंपनियों और रियल एस्टेट मालिकों से जुड़ा पाया गया।

पहले से दर्ज मामले और कार्रवाई:

  • नवंबर 2023 में ईडी ने सीएमसीएल दफ्तर पर छापा मारकर कई कर्मचारियों को रिश्वत देते हुए पकड़ा।
  • आरोपियों ने स्वीकार किया कि यह सब वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर किया जा रहा था।

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