छत्तीसगढ़ में सोलर रूफटॉप प्लांट पर मिलेगी राज्य सरकार की भी सब्सिडी, कैबिनेट का बड़ा फैसला-
छत्तीसगढ़ में सोलर रूफटॉप प्लांट पर मिलेगी राज्य सरकार की भी सब्सिडी, कैबिनेट का बड़ा फैसला-

रायपुर, छत्तीसगढ़: अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य सरकार भी घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के अतिरिक्त अपनी ओर से अनुदान देगी। यह फैसला मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को गति मिलेगी और नागरिकों के बिजली बिलों में कमी आएगी।
केंद्र और राज्य की दोहरी सब्सिडी का लाभ: ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत केंद्र सरकार पहले से ही घरों की छतों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के इस नए फैसले के बाद, उपभोक्ताओं को अब केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से सब्सिडी का लाभ मिलेगा, जिससे सोलर प्लांट लगवाना और भी सस्ता हो जाएगा।
सब्सिडी का विवरण:
- 1 किलोवॉट क्षमता वाले प्लांट के लिए: कुल ₹45,000 की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें से ₹30,000 केंद्र सरकार द्वारा और ₹15,000 राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
- अन्य क्षमता के प्लांट के लिए: सोलर प्लांट की क्षमता (जैसे 2 किलोवॉट, 3 किलोवॉट या उससे अधिक) के आधार पर सब्सिडी की राशि तय की गई है। जैसे, कुछ जानकारी के अनुसार 3 किलोवॉट तक के सोलर पैनल पर 78,000 रुपये तक का कुल अनुदान (केंद्र और राज्य सहित) मिल सकता है।
यह सहायता राशि सीधे छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) के माध्यम से लाभार्थियों को मिलेगी। CSPDCL को यह अनुदान राशि अग्रिम रूप से प्राप्त होगी और वह इसे आगे उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगी।
योजना का दायरा और लक्ष्य: यह योजना केवल व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ताओं तक ही सीमित नहीं है। हाउसिंग सोसाइटी और रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, जिससे बड़े आवासीय परिसरों में भी सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में: 60,000 सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य।
- वित्तीय वर्ष 2026-27 में: 70,000 सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य।
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने से राज्य सरकार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹180 करोड़ और 2026-27 में ₹210 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।
किसे मिलेगी प्राथमिकता? राज्य वित्तीय सहायता उन घरेलू उपभोक्ताओं को प्राथमिकता से दी जाएगी जिनके सोलर प्लांट का ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन 1 अप्रैल, 2025 या उसके बाद हुआ है। यह कदम हाल ही में स्थापित संयंत्रों को प्रोत्साहित करने और उन्हें तत्काल लाभ पहुंचाने के लिए है।
योजना के लाभ और उद्देश्य:
- बिजली बिल में कमी: सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने से उपभोक्ताओं के बिजली बिल में भारी कमी आएगी, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी।
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता: यह योजना छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगी।
- पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार सृजन: सोलर पैनल की स्थापना और रखरखाव से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
यह फैसला छत्तीसगढ़ को हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर करने और राज्य के नागरिकों को स्थायी तथा किफायती ऊर्जा समाधान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।