छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ ‘सुशासन तिहार’, तीन चरणों में जनता से सीधा संवाद करेगी सरकार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने 'सुशासन तिहार' की शुरुआत की है। तीन चरणों में चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान और योजनाओं की समीक्षा है।

रायपुर।छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेशभर में ‘सुशासन तिहार’ की शुरुआत की है। यह अभियान तीन चरणों में संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आम जनता से सीधे संवाद स्थापित करना, उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करना और जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा व प्रचार-प्रसार करना है।
पहला चरण: 8 से 11 अप्रैल
इस चरण में समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां आम नागरिक अपनी शिकायतें, सुझाव और आवेदन स्थानीय अधिकारियों को सीधे सौंप सकते हैं। इन शिविरों का उद्देश्य निचले स्तर पर समस्याओं की पहचान करना है।
दूसरा चरण: समाधान पर कार्य
प्राप्त आवेदनों और शिकायतों पर सरकारी अमला आवश्यक कार्रवाई करेगा। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि समाधान में देरी न हो।
तीसरा चरण: 5 से 31 मई
इस चरण में पुनः समाधान शिविर लगाए जाएंगे, जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी आम जनता से सीधा संवाद करेंगे। इस चरण में समस्याओं के हल को जनता के सामने लाकर पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा।
समीक्षा और संवाद: पारदर्शी प्रशासन की ओर कदम
‘सुशासन तिहार’ के दौरान राज्य सरकार द्वारा समीक्षा बैठकें, जन संवाद कार्यक्रम और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाएंगी, जिनके माध्यम से जनता को यह जानकारी दी जाएगी कि उनके आवेदन और शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई।
इस अभियान से साफ है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार “जनता को शासन के केंद्र में” रखने के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित इस तिहार की प्रमुख प्राथमिकताएं हैं।