चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने बिल्हा में अत्याधुनिक सिविल कोर्ट भवन का किया लोकार्पण, न्याय मिलेगा और सुलभ
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने बिल्हा में अत्याधुनिक सिविल कोर्ट भवन का किया लोकार्पण, न्याय मिलेगा और सुलभ

बिलासपुर, 21 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ में न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने और आम जनता को बेहतर न्यायिक वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आज बिलासपुर जिले के बिल्हा तहसील में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नवीन सिविल कोर्ट भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी, न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास, न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा सहित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कई अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने न्याय की प्रभावी पहुंच को आमजन तक सुनिश्चित करने में न्यायिक अधोसंरचना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक मजबूत अधोसंरचना ही प्रभावी न्याय प्रणाली की आधारशिला होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में बुनियादी न्यायिक अधोसंरचना स्थापित होने से न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी, जिससे आमजन को निष्पक्ष, कुशल, शीघ्र, सरल और सुलभ न्याय प्राप्त हो सकेगा।
मुख्य न्यायाधीश ने नवीन सिविल न्यायालय भवन, बिल्हा की हरियाली, स्वच्छ वातावरण, आधुनिक न्यायालय कक्ष, आरामदायक प्रतीक्षालय, शिशु देखभाल कक्ष, अभियोजन कार्यालय और सुरक्षित बंदीगृह जैसी सुविधाओं की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह भवन छत्तीसगढ़ के अन्य जिला न्यायालयों के लिए एक मिसाल साबित होगा।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने यह भी बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यायिक संस्थाओं में बुनियादी और आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर लगातार जोर दिया जाता रहा है और उनकी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि छत्तीसगढ़ के सभी न्यायिक संस्थानों में सर्वसुविधायुक्त भवन हों, जिनमें आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि बिल्हा में नवीन सिविल कोर्ट भवन का निर्माण समय की मांग थी, और इसके बनने से स्थानीय नागरिकों को न्याय तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित होगी। यह भवन न केवल भौतिक रूप से सुसज्जित है, बल्कि इसमें डिजिटल कोर्ट, वकीलों के लिए आधुनिक कक्ष, अस्पताल, एटीएम और प्रतीक्षालय जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को निर्देश दिया कि वे सुविधायुक्त अधोसंरचना और आधुनिक तकनीकी का उपयोग पक्षकारों को सुविधाजनक वातावरण में शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण न्याय प्रदान करने के लिए करें। उन्होंने जोर दिया कि न्याय की आशा के साथ उपस्थित होने वाले पक्षकारों की समस्याओं का शीघ्रता से निराकरण किया जाए।
यह उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने पदभार ग्रहण करने के बाद से पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के दूरस्थ जिला मुख्यालयों और बाहरी न्यायालयों का दौरा किया है। उन्होंने न्यायिक अधोसंरचना और आवश्यक सुविधाओं के अभाव के कारण पक्षकारों, अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारियों और अधिकारियों को होने वाली असुविधाओं को देखते हुए दूरदर्शिता पूर्ण और सकारात्मक प्रयास किए हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में न्यायिक अधोसंरचना का अभूतपूर्व विकास कार्य हो रहा है, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि हो रही है और पक्षकारों को सुविधाजनक वातावरण में शीघ्र न्याय प्राप्त करने की परिकल्पना साकार हो रही है। बिल्हा का यह नवीन न्यायालय भवन भी समयबद्ध और उच्चतम गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरा किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर के स्वागत भाषण से हुई और समापन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। कार्यक्रम के पश्चात् न्यायालय भवन प्रांगण में वृक्षारोपण भी किया गया।