मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्रियों ने की ‘काशी के कोतवाल’ के दर्शन, राष्ट्र कल्याण की कामना
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्रियों ने की 'काशी के कोतवाल' के दर्शन, राष्ट्र कल्याण की कामना

वाराणसी, उत्तर प्रदेश: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप ने वाराणसी में क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने से पहले ‘काशी के कोतवाल’ कहे जाने वाले श्री काल भैरव मंदिर के दर्शन किए। मंत्रियों ने इस पवित्र स्थल पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए विशेष पूजा-अर्चना की।
कौन हैं ‘काशी के कोतवाल’?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव को काशी का संरक्षक और कोतवाल माना जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि इंद्र भी उनके चरणों की सेवा करते हैं, वे सांप को यज्ञोपवीत के रूप में धारण करते हैं, चंद्रमा उनके मस्तक पर शोभायमान है, वे करुणामय हैं, नारद और अन्य योगी भी उनकी पूजा करते हैं, वे दिगंबर हैं, और वे ही काशी के अधिपति हैं। ऐसी मान्यता है कि काशी में किसी भी शुभ कार्य से पहले काल भैरव के दर्शन करना अनिवार्य है।
पूजा-अर्चना और सोशल मीडिया पर संदेश:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने काल भैरव को समर्पित एक श्लोक भी सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने और अन्य मंत्रियों ने भगवान काल भैरव के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की। उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप ने भी मंदिर दर्शन की तस्वीरें साझा कीं और बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता की सुख-शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की है।
यह दौरा, क्षेत्रीय परिषद की महत्वपूर्ण बैठक से ठीक पहले हुआ, जो दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार के प्रमुख सदस्यों ने शासकीय दायित्वों के साथ-साथ धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं का भी निर्वहन किया। मंत्रियों ने यह संदेश दिया कि वे राज्य और राष्ट्र की समृद्धि और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।