
नई दिल्ली — नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के विकास का विस्तृत रोडमैप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ के अंतर्गत बस्तर को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दोहराया और वर्ष 2047 तक राज्य को 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य सामने रखा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रशासन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता के लिए 3T मॉडल (Technology, Transparency, Transformation) को अपनाया है। इस मॉडल के जरिए योजनाओं की निगरानी डिजिटल माध्यम से की जा रही है, जिससे सरकारी सेवाएं आम जनता तक तेज़ी और सटीकता से पहुंच रही हैं।
बस्तर क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब बस्तर सिर्फ संघर्ष का नहीं, बल्कि संभावनाओं और विकास का क्षेत्र बन चुका है। क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना की गई है, जहां युवाओं को कंप्यूटर, स्वास्थ्य सेवा, फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है और पलायन की दर में भी कमी आई है।
नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर की स्थापना की योजनाएं भी सामने रखी गईं, जो राज्य को तकनीकी और औद्योगिक रूप से सशक्त बनाएंगी। इसके साथ ही राज्य का रेल नेटवर्क 1100 किलोमीटर से बढ़ाकर 2200 किलोमीटर तक विस्तारित किया जा रहा है। रायपुर एयरपोर्ट से कार्गो सेवा की शुरुआत और राष्ट्रीय राजमार्गों पर निवेश से राज्य एक उभरते हुए लॉजिस्टिक हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री साय के इस विजन को केंद्र सरकार के उच्च स्तर से सराहना मिली है। आत्मनिर्भर बस्तर की यह योजना केवल छत्तीसगढ़ के विकास का नहीं, बल्कि देश के अन्य पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।