नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों ने अमित शाह से की मुलाकात, कहा- अब हाथों में बंदूकें नहीं, किताबें हैं
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों ने अमित शाह से की मुलाकात, कहा- अब हाथों में बंदूकें नहीं, किताबें हैं

रायपुर, छत्तीसगढ़: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों ने एक मार्मिक संदेश दिया है। इन बच्चों ने बताया कि अब उनके हाथों में बंदूकें नहीं, बल्कि किताबें हैं, जिससे उनका भविष्य संवरा जा रहा है। यह मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान हुई, जहां उन्होंने इन बच्चों और युवाओं के साथ संवाद किया।
अमित शाह ने इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि बीजापुर के उसूर और गंगालूर विकासखंड के ये बच्चे ‘लियोर ओयना’ योजना के तहत नवा रायपुर आए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन हाथों में कभी नक्सलियों ने बंदूकें थमाई थीं, आज उन्हीं हाथों में किताबें देकर उनका भविष्य संवारा जा रहा है।
‘लियोर ओयना’ योजना बनी आशा की किरण:
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित ‘लियोर ओयना’ योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से बच्चों को मुख्यधारा में लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना के तहत, इन क्षेत्रों के बच्चों को रायपुर लाकर उन्हें शिक्षा और आत्मविश्वास प्रदान किया जा रहा है। यह पहल बच्चों को बेहतर भविष्य बनाने का अवसर दे रही है और उन्हें हिंसा के मार्ग से दूर एक उज्जवल मार्ग पर ले जा रही है।
इस योजना के माध्यम से, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। शिक्षा के अवसर मिलने से वे अब अपने सपनों को पूरा करने और समाज में एक सम्मानजनक स्थान बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। यह सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।