पूर्वी एशिया में युद्ध के बादल एक बार फिर गहरा गए हैं। चीन ने ताइवान की ओर कई रॉकेट दागकर अपने आक्रामक इरादे साफ कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) में 10 घंटे का एक बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है। ताइवान की सेना ने जवाबी कार्रवाई के लिए खुद को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा है।
रॉकेट हमलों से दहला ताइवान जलडमरूमध्य
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने इस अभ्यास के दौरान कई रॉकेट और मिसाइलें दागीं, जिनका निशाना ताइवान के आसपास के समुद्री क्षेत्र थे। बीजिंग का कहना है कि यह सैन्य अभ्यास ताइवान की “स्वतंत्रता समर्थक ताकतों” के लिए एक सख्त चेतावनी है। 10 घंटे तक चलने वाली इस सैन्य कार्रवाई में चीनी नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान भी शामिल हैं, जो ताइवान के रक्षा क्षेत्र (ADIZ) के बेहद करीब तक पहुंच गए हैं।
ताइवान की जवाबी तैयारी
चीन की इस हिमाकत पर प्रतिक्रिया देते हुए ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उनकी सेना “बिना युद्ध शुरू किए, लेकिन युद्ध से डरे बिना” हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। ताइवान ने अपनी मिसाइल प्रणालियों और वायु सेना को सक्रिय कर दिया है। ताइवान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीन की इस दादागिरी के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है, इसे क्षेत्रीय शांति के लिए सीधा खतरा बताया है।
वैश्विक तनाव और कूटनीति
अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह कदम ताइवान की नई सरकार पर दबाव बनाने और उसे मनोवैज्ञानिक रूप से डराने की एक कोशिश है। यदि तनाव इसी तरह बढ़ता रहा, तो यह एक बड़े वैश्विक संघर्ष का रूप ले सकता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और विशेष रूप से सेमीकंडक्टर उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।