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चीन का नया रेल प्रोजेक्ट: अक्साई चिन से गुजरेगी लाइन, LAC के पास से होकर भारत के लिए बढ़ा खतरा

चीन का नया रेल प्रोजेक्ट: अक्साई चिन से गुजरेगी लाइन, LAC के पास से होकर भारत के लिए बढ़ा खतरा

बीजिंग: चीन ने एक बेहद महत्वाकांक्षी और रणनीतिक रेल परियोजना पर काम शुरू करने की घोषणा की है, जिससे भारत की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। यह रेल लाइन चीन के शिनजियांग प्रांत को तिब्बत से जोड़ेगी और इसका एक हिस्सा भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और विवादित अक्साई चिन क्षेत्र के बेहद करीब से होकर गुजरेगा। इस परियोजना को अंजाम देने के लिए चीन ने 95 बिलियन युआन (लगभग 13.2 बिलियन डॉलर) की शुरुआती पूंजी के साथ ‘शिनजियांग तिब्बत रेलवे कंपनी लिमिटेड’ नामक एक नई सरकारी कंपनी का गठन किया है।

चीन की यह परियोजना करीब दो दशकों से विचाराधीन थी और अब इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। यह रेल लाइन शिनजियांग के होतान को तिब्बत के शिगात्से से जोड़ेगी, जो मौजूदा ल्हासा-शिगात्से लाइन से मिलकर करीब 2,000 किलोमीटर लंबा एक महत्वपूर्ण रणनीतिक गलियारा बनाएगी। यह लाइन कुनलुन, काराकोरम, कैलाश और हिमालय जैसी दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं से होकर गुजरेगी और इसकी औसत ऊंचाई 4,500 मीटर से अधिक होगी। निर्माण के दौरान ग्लेशियरों और पर्माफ्रॉस्ट जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

भारत के लिए यह परियोजना दोहरी चिंता का विषय है। पहली, यह लाइन LAC के बहुत करीब से गुजरेगी, जिससे चीन को सीमा पर सैनिकों और सैन्य उपकरणों की तेजी से तैनाती करने में मदद मिलेगी। दूसरी और सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह परियोजना उस अक्साई चिन क्षेत्र से होकर गुजरेगी, जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है, लेकिन 1962 के युद्ध के बाद से चीन का कब्जा है। चीन ने पहले भी इसी क्षेत्र से G219 हाईवे का निर्माण किया था, जो 1962 के युद्ध का एक प्रमुख कारण बना था।

यह रेल परियोजना चीन की व्यापक बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 2035 तक ल्हासा को केंद्र बनाकर 5,000 किलोमीटर का एक पठारी रेल नेटवर्क स्थापित करना है। भारत की सुरक्षा विशेषज्ञ इस परियोजना को चीन की आक्रामक सैन्य रणनीति का एक हिस्सा मान रहे हैं। यह परियोजना ऐसे समय में शुरू हो रही है जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद अपने संबंधों को सामान्य करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ने की संभावना है।

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