राजनांदगांव के मिथिला धाम गणेश मंदिर में पिछले 27 वर्षों से एक अनूठी परंपरा चली आ रही है, जहां भक्त भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए पत्र लिखते हैं। भक्त अपनी इच्छाओं को कागज पर लिखकर नारियल के साथ लाल कपड़े में लपेटकर भगवान गणेश के चरणों में अर्पित करते हैं। इस अनोखी परंपरा के प्रति लोगों की आस्था इतनी प्रबल है कि उन्हें विश्वास है कि भगवान गणेश उनकी चिट्ठियां पढ़कर उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
पत्र के माध्यम से सीधा संवाद
श्रद्धालु विभिन्न मनोकामनाओं जैसे नौकरी, परिवारिक शांति, शादी, संतान, और परीक्षा में सफलता की प्रार्थना करते हैं। इस गणेश मंदिर में हर माह की चतुर्थी और बुधवार को विशेष रूप से भक्त अपने पत्र अर्पित करते हैं। मंदिर के पुजारी पंडित हरि शरण बताते हैं कि जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वे आकर भगवान गणेश को धन्यवाद देते हैं, और उनकी चढ़ाई हुई पर्ची का विसर्जन कर दिया जाता है।
27 साल पुरानी परंपरा
यह परंपरा लगभग 27 साल पुरानी है, और जैसे-जैसे लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती जा रही हैं, मंदिर में चिट्ठी रखने वाले भक्तों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस अनोखी परंपरा ने भगवान गणेश और उनके भक्तों के बीच विश्वास की एक अटूट डोर बांध दी है।