बड़े बोदल में ईसाई महिला की मौत के बाद दो समुदायों में हिंसा, सरपंच समेत छह घायल
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के परपा थाना क्षेत्र के बड़े बोदल गांव में एक ईसाई महिला की मौत और शव दफनाने को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक बवाल मच गया। घटना में सरपंच समेत आधा दर्जन लोग घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।
घटना का विवरण
गांव के धर्मांतरित ईसाई समुदाय की महिला बुदाय (55) की रविवार दोपहर को मौत हो गई। परिवार ने गांव के सामुदायिक श्मशान में शव को दफनाया, हालांकि गांव में ईसाई समुदाय के लिए अलग कब्रिस्तान नहीं है और बिना ग्राम पंचायत की अनुमति के यह कार्रवाई की गई। घटना के बाद सोमवार दोपहर सरपंच गंगाराम कश्यप, ग्राम प्रमुख चैतू नाग और अन्य स्थानीय लोग शव दफनाने को लेकर आपत्ति दर्ज करने परिवार के पास गए। यह आपत्ति स्थानीय आदिवासी समाज के श्मशान में शव दफनाए जाने पर थी, जो उनके लिए नागवार गुजरी।
हिंसा और हमले की घटना
सरपंच और अन्य गांववाले जब परिवार से शव दफनाने को लेकर पूछताछ करने पहुंचे, तो परिवार और उनके समर्थकों ने उग्र होकर हमला कर दिया। हमले में सरपंच, ग्राम प्रमुख और अन्य ग्रामीण घायल हो गए। कई हमलावरों ने डंडे और हाकी से सरपंच और अन्य पर हमला किया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भी हिंसा का शिकार हो गए। हमले में सरपंच गंगाराम कश्यप, ग्राम प्रमुख चैतू नाग, सुखनाथ नाग और गोंडूराम मंडावी को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
वायरल वीडियो और पुलिस की कार्रवाई
हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें हमलावरों को डंडे और हाकी के साथ दौड़ाते देखा जा सकता है। पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सुकमन नाग, बुदरू मंडावी, बबलू कश्यप, कोसो कश्यप और गनपत शामिल हैं। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
स्थानीय संगठन और पुलिस कार्रवाई
घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी घायल सरपंच और ग्राम प्रमुखों से मिलने डिमरापाल मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इन संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में बस्तर एसपी शलभ सिन्हा को पत्र सौंपकर कड़ी कार्रवाई की अपील की गई है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश कर रही है, और मामले की जांच जारी है। यह घटना न केवल धार्मिक संवेदनशीलता को प्रभावित करती है, बल्कि समुदायों के बीच तनाव बढ़ा रही है। पुलिस विभाग ने पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है ताकि स्थिति नियंत्रित की जा सके।