सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त जजों की निगरानी में जांच की मांग, हताहतों से मिले CM योगी
हाथरस । यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 124 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई।
RLD सांसद जयंत चौधरी ने जताया दुख
केंद्रीय राज्य मंत्री और RLD सांसद जयंत चौधरी ने कहा, 'यह दुखद घटना है। एक बड़ा आयोजन हुआ और बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। मुख्यमंत्री से बात हुई है, प्रशासन लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। मैं सभी से सहयोग की अपील करता हूं। सभी परिवारों के साथ हमारी संवेदना है और हम उनके साथ हैं।'
'जो इस घटना में शामिल होंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी'
हाथरस घटना पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, 'घटना दु:खद है। पीएम मोदी ने कल अपने भाषण के दौरान बीच में ही शोक व्यक्त किया और जो भी भारत सरकार एवं राज्य सरकार से संभव होगा वो मदद दी जाएगी। किन कारणों से ये घटना घटी है उसकी जांच की बात की गई है और जो इस घटना में शामिल होंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी। सबको मुआवजा दिया जाएगा इसकी भी बात हुई है।'
अस्पताल में पीड़ितों से मिले योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। वहीं,
यह सरकार की लापरवाही है: अखिलेश यादव
हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, 'यह बहुत दर्दनाक है। जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है। कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं। क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?'
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें हाथरस भगदड़ घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें सार्वजनिक समारोहों में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय सुझाने और तैयार करने के लिए समिति को निर्देश देने की मांग की गई है। एक वकील द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य को हाथरस भगदड़ की घटना में शीर्ष अदालत के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने और उनके लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
सिकंदराराऊ स्टेशन पर ट्रेनों का खास ठहराव
रेल मंत्रालय ने कहा कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिकंदराराऊ स्टेशन से गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर 15 किमी प्रति घंटे की गति प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, मथुरा-टनकपुर मेला स्पेशल, आगरा फोर्ट-कासगंज पैसेंजर स्पेशल और बांद्रा टर्मिनस अंत्योदय एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों को यात्रियों की सुविधा के लिए सिकंदराराऊ स्टेशन पर अतिरिक्त स्टॉपेज के साथ-साथ ट्रेन मार्ग के अन्य स्टेशनों पर विशेष स्टॉपेज दिया गया है।
आयोजकों के साथ ही सत्संग करने वाले बाबा पर हो कार्रवाई: प्रियंका चतुर्वेदी
हाथरस की घटना पर शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह दुखद है जिस तरीके से यह घटना घटी है। मैं उम्मीद करती हूं कि राज्य सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी। आयोजकों के साथ ही जो सत्संग करने वाले बाबा हैं उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। आज कल हम देख रहे हैं कि लोगों की जान का कोई मोल नहीं है।"