अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़: कोरोना महामारी के दौरान जब देशभर में स्कूल-कॉलेज ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित कर रहे थे, उसी समय सरगुजा जिले के संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने 5 लाख उत्तर पुस्तिकाएं और 17 लाख पूरक उत्तर पुस्तिकाएं खरीदीं। इस अनियमितता को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।
छात्रों का विरोध, सौंपा ज्ञापन
छात्र संगठन आजाद सेवा संघ ने इस मामले को उजागर किया है। संगठन ने आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत जानकारी प्राप्त कर बताया कि जब परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही थीं, तो इतनी बड़ी मात्रा में उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद का औचित्य क्या था।
संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा ने बताया, “विश्वविद्यालय के पास उत्तर पुस्तिकाओं के स्टॉक का कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह स्पष्ट नहीं है कि ये उत्तर पुस्तिकाएं कहां और कैसे इस्तेमाल की गईं।”
जांच के आदेश, दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रेमप्रकाश सिंह ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, “मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
छात्रों का आक्रोश
छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी से छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद पर सवाल
छात्र संगठन ने सवाल उठाया कि जब ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित ही नहीं हुईं, तो इतनी बड़ी मात्रा में उत्तर पुस्तिकाएं क्यों खरीदी गईं? स्टॉक रजिस्टर की गैर-मौजूदगी से अनियमितता का संदेह और गहरा हो गया है।
यह मामला राज्यपाल के संज्ञान में लाया जा चुका है, और उम्मीद की जा रही है कि उच्चस्तरीय जांच से सच्चाई जल्द सामने आएगी।