
रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में ‘स्वास्थ्य मित्र’ (Swasthya Mitan) के रूप में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। एक तरफ जहाँ उन्हें पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है, वहीं दूसरी तरफ उनकी नौकरियाँ भी खतरे में पड़ गई हैं। यह स्थिति एक थर्ड पार्टी कंपनी (FHPL) के टेंडर की समाप्ति के कारण उत्पन्न हुई है, जिसका अनुबंध 30 अप्रैल को समाप्त हो गया था।
‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के क्रियान्वयन में ‘स्वास्थ्य मित्रों’ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 10-12 वर्षों से वे राज्य के सभी 33 ज़िलों में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। अपनी समस्याओं को लेकर हाल ही में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य मित्रों ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात की।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि आगामी स्टाफिंग निर्णयों में उनके अनुभव को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग एक ऑडिट करेगा और उनके समायोजन के विकल्पों का पता लगाएगा। वेतन बकाया के मुद्दे पर भी मंत्री ने संज्ञान लिया और कहा कि भविष्य में भुगतान एक नई एजेंसी के माध्यम से या सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मित्रों का कहना है कि वे इस योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं और अचानक बेरोज़गार हो जाने से उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। सरकार से उनकी उम्मीद है कि उनके लंबे अनुभव और सेवाओं को देखते हुए कोई स्थायी समाधान निकाला जाएगा।