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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: आतिशी को मिलेगा नया दायित्व

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज, 17 सितंबर, अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। सुबह 11:30 बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित विधायक दल की बैठक में उनके इस्तीफे की पुष्टि की गई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज, 17 सितंबर, अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। सुबह 11:30 बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित विधायक दल की बैठक में उनके इस्तीफे की पुष्टि की गई। बैठक के दौरान केजरीवाल की उपस्थिति में आतिशी का नाम अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया, और विधायकों ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। यह फैसला दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है।

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी आतिशी

आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना है। वर्तमान में उनके पास शिक्षा और वित्त जैसे 45 से ज्यादा महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार है, जो दिल्ली सरकार में उनकी अहम भूमिका को दर्शाता है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही आधिकारिक तौर पर आतिशी के नाम की घोषणा की जाएगी। केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना से दोपहर 4:30 बजे मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपने की योजना बनाई है।

दिल्ली विधानसभा का सत्र और शपथ ग्रहण

दिल्ली विधानसभा का अगला सत्र 26 और 27 सितंबर को बुलाया गया है, जिसमें नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण होने की संभावना है। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने सत्र की पुष्टि की है, और उम्मीद जताई जा रही है कि आतिशी का शपथ ग्रहण इस सत्र से पहले हो जाएगा।

राजनीतिक प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का बयान

आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बयान दिया, “दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी योग्य उम्मीदवार का नाम सामने आ सकता है। दिल्ली को एक नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है, जो हमारे लिए खुशी का विषय है। लेकिन दुख की बात यह है कि भाजपा की साजिशों के कारण अरविंद केजरीवाल को इस अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही दोबारा मुख्यमंत्री पद पर लौटें।”

विधायक दल की बैठक में गोपाल राय की उपस्थिति

आप विधायक गोपाल राय भी अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंचे और उन्होंने मीडिया को बताया कि पार्टी की विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। उनका मानना है कि जब तक जनता का समर्थन नहीं मिलता, अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। यह पार्टी के फैसले के अनुसार है कि किसी अन्य नेता के नेतृत्व में सरकार चलेगी, लेकिन जल्द ही केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार वापस बनेगी।

सौरभ भारद्वाज का बयान

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विधायकों की बैठक से पहले कहा, “कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह मायने नहीं रखता, क्योंकि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना था। हम में से कोई एक व्यक्ति अस्थायी रूप से कुर्सी संभालेगा, ठीक वैसे ही जैसे भरत ने भगवान राम की गैर-मौजूदगी में राजगद्दी संभाली थी। आज की बैठक में इस पर चर्चा होगी और एक नाम तय किया जाएगा।”

अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: तीन प्रमुख वजहें

1. अदालत की शर्तों से सीमित शक्तियां
दिल्ली की शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद, अदालत ने केजरीवाल के मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्य करने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर रोक लगा दी थी। इस शर्त के तहत, मुख्यमंत्री होते हुए भी केजरीवाल के पास कोई प्रभावी अधिकार नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा देना उचित समझा।

2. कार्यकाल के खत्म होने में केवल 5 महीने
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में समाप्त हो रहा है, और इस कम अवधि के दौरान आम तौर पर सरकारें लोकलुभावन योजनाएं लागू करती हैं। कोर्ट की शर्तों के कारण केजरीवाल यह कदम उठाने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने जनता से नया जनादेश लेने का निर्णय लिया।

3. ईमानदार छवि बनाए रखने की कोशिश
बीजेपी की बार-बार की इस्तीफे की मांग और शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद, केजरीवाल ने अपनी ईमानदार छवि को मजबूत करने के लिए इस्तीफा दिया। वह अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह सत्ता से ज्यादा अपनी सच्चाई और ईमानदारी को महत्व देते हैं।

केजरीवाल का अगला कदम

मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद, अरविंद केजरीवाल का ध्यान अब हरियाणा विधानसभा चुनावों पर होगा। वह आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बने रहेंगे और पार्टी के अभियान का नेतृत्व करेंगे। हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन की संभावना खत्म हो चुकी है, और आप वहां सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा, झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव भी उनकी रणनीतिक प्राथमिकता में रहेंगे।

निष्कर्ष

अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं दिल्ली की राजनीति में नए बदलाव का संकेत हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आप सरकार किस दिशा में जाती है, और केजरीवाल हरियाणा विधानसभा चुनावों में किस तरह का प्रभाव छोड़ते हैं।

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