दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव के पतंजलि च्यवनप्राश के विज्ञापन पर लगाई रोक-
दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव के पतंजलि च्यवनप्राश के विज्ञापन पर लगाई रोक-

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के च्यवनप्राश के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। यह फैसला डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में आया है, जिसमें पतंजलि पर उनके उत्पाद के खिलाफ नकारात्मक और भ्रामक विज्ञापन प्रसारित करने का आरोप लगाया गया था।
डाबर ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि पतंजलि के विज्ञापनों ने न केवल उनके उत्पाद को बदनाम किया, बल्कि उपभोक्ताओं को भी गुमराह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि च्यवनप्राश एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है जो औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत विनियमित है, ऐसे में अन्य ब्रांडों को “साधारण” के रूप में लेबल करना गलत और हानिकारक है। डाबर ने यह भी दावा किया कि पतंजलि ने नोटिस मिलने के बाद भी इन विज्ञापनों को हजारों बार दिखाना जारी रखा।
डाबर ने विशेष रूप से आरोप लगाया कि पतंजलि ने झूठा दावा किया कि उनके उत्पाद में 51+ जड़ी-बूटियाँ थीं (जबकि इसमें केवल 47 थीं) और यह भी सुझाव दिया कि डाबर का उत्पाद निम्न गुणवत्ता का था या उसमें हानिकारक पारा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने डाबर के पक्ष में फैसला सुनाया और पतंजलि को ऐसे विज्ञापनों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होनी निर्धारित है।