
बिलासपुर। सक्ती के उप पंजीयक प्रतीक खेमुका का निलंबन महज तीन दिन में खत्म कर दिया गया। यह फैसला बिलासपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने पंजीयन और मुद्रांक संघ के संभावित आंदोलन के मद्देनजर लिया। संघ ने चेतावनी दी थी कि निलंबन आदेश जल्द वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन होगा।
प्रतीक खेमुका पर आरोप था कि उन्होंने कलेक्टर की अनुमति के बिना आदिवासी महिला की जमीन को गैर-आदिवासी को बेचने के लिए रजिस्ट्री कर दी। कलेक्टर की अनुशंसा पर 13 दिसंबर को संभागायुक्त ने तत्काल निलंबन के आदेश दिए थे।
हालांकि, खेमुका ने 14 दिसंबर को अपनी अपील प्रस्तुत करते हुए मौखिक रूप से पक्ष रखा। संभागायुक्त ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर बहाली का आदेश जारी किया और उन्हें बिलासपुर के उप पंजीयक कार्यालय में पदस्थ कर दिया। निलंबन की अवधि का निपटारा बाद में किया जाएगा।