छत्तीसगढ़

देसी टॉक कवि सम्मेलन 5.0 ,18 दिसम्बर रायपुर मे –

देसी टॉक कवि सम्मेलन 5.0 ,18 दिसम्बर रायपुर मे -

RAIPUR NEWS – मैं भारत का संविधान हूं, लालकिले से बोल रहा हूं… मेरा अंतर्मन घायल है, दुःख की गांठें खोल रहा हूं… मैं शक्ति का अमर गर्व हूं, आजादी का विजय पर्व हूं… पहले राष्ट्रपति का गुण हूं, बाबा भीमराव का मन हूं… मैं बलिदानों का चन्दन हूं, कर्त्तव्यों का अभिनन्दन हूं… यह कविता वीर रस के कवि डॉ. हरिओम पंवार की लिखी है, जिससे उनकी कलम की ताकत का पता चलता है.

डॉ. हरिओम पंवार देश की मूलभूत समस्याओं पर लिखते हैं, और वे देसी टॉक कवि सम्मेलन 5.0 में अपनी प्रस्तुति देंगे। साथ ही, सरकारें उनकी कविताओं से डरती हैं और उनकी कविताओं पर विचार करती हैं। आपको हैरानी होगी कि 2016 में लिए गए नोटबन्दी जैसे बड़े निर्णय पर 15 से 20 साल पहले ही एक कविता लिखी थी।

डॉ. हरिओम पंवार का जन्म उत्तर प्रदेश के बुटना गाँव में हुआ था, जो सिकन्दराबाद के निकट था। वे मेरठ महाविद्यालय में विधि संकाय में प्रोफेसर हैं।

प्रमुख रचनाओं में काला धन, घाटी के दिल की धड़कन, मैं मरते लोकतन्त्र का बयान हूँ, बागी हैं हम इन्कलाब के गीत सुनाएंगे, विमान अपहरण, कांग्रेस की कहानी, इंदिरा गांधी की मृत्यु, अयोध्या की आग, आजादी के टूटे फूटे सपने, मेरा राम तो मेरा हिंदुस्तान है, घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाया हूँ, आदि।

भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और कई मुख्यमंत्रियों ने उन्हें सम्मानित किया है। उन्हें आवाज-ए-हिन्दुस्थान, जनजागरण सर्वश्रेष्ठ कवि पुरस्कार, रश्मि पुरस्कार, निराला पुरस्कार और भारतीय साहित्य संगम पुरस्कार दिए गए हैं।

आपका कविता संग्रह “अग्निपथ के शिलालेख” है। डॉ. वार की पुस्तकों और ऑडियो-वीडियो की बिक्री से मिलने वाली रकम गरीब बच्चों की शिक्षा और वंचित वर्ग के कल्याण पर खर्च की जाती है।

 

 

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