डिजिटल अरेस्ट – ड्रग्स तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख ठगे
डिजिटल अरेस्ट - ड्रग्स तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख ठगे
डिजिटल अरेस्ट – शहर की एक छात्रा को ड्रग्स तस्करी में फंसने की फर्जी सूचना देकर 10 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। छात्रा ने अपने परिवार और मित्रों से पैसे लेकर दिए। इसके बाद वे ठगी कर रहे थे। छात्रा ने रेंज साइबर थाने में शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
छात्रा के मोबाइल पर जांच और गिरफ्तारी के फर्जी दस्तावेज भेजे गए। बाद में जालसाजों ने उनसे वीडियो कॉल पर भी बात की। छात्रा भयभीत हो गई। उसने दस लाख रुपये रिश्तेदारों से लेकर दिए। फिर भी डिमांड नहीं खत्म हुई, तो उसने दूसरे रिश्तेदारों से संपर्क किया। उसने ठगी का एहसास किया।
शहर में रहने वाली 24 साल की छात्रा के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। छात्रा को फोन करने वाले ने बताया कि उनके खाते से करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है। साथ ही उनके आधार कार्ड का उपयोग कर दवा की तस्करी करने वाले भी गिरफ्तार किए गए हैं।
इस मामले की जांच सीबीआई, ED और अन्य केंद्रीय निकायों ने कर रही है। छात्रा इससे भयभीत हो गई। साथ ही छात्रा के मोबाइल पर जांच और गिरफ्तारी के फर्जी दस्तावेज भेजे गए। बाद में जालसाजों ने उनसे वीडियो कॉल पर भी बात की। छात्रा भयभीत हो गई।
छात्रा ने अपने परिचितों से पैसे लेकर दिए-
जालसाजों ने पूरी बातचीत और जांच की जानकारी भी नहीं दी। जालसाजों ने छात्रा के डर का फायदा उठाते हुए बैंक डिटेल की जानकारी मांगी। बाद में जांच के लिए उनसे पैसे मांगे गए। डरी हुई छात्रा ने जालसाजों के बताए खाते में अलग-अलग रकम भेजी।
उसने अपने मित्रों से भी पैसे लिए। अलग-अलग कर ठगी करने वालों के बताए खाते पर जालसाजों ने लगभग 10 लाख रुपये भेजे। इसके बाद भी उनसे पैसा मांगा जाता था। छात्रा ने रुपये के लिए अपने परिचित से इस पर चर्चा की। इससे उन्हें ठगी का पता चला।
तब परिचित ने पैसे देने से इनकार कर दिया। भी पूरे मामले की शिकायत थाने में करने को कहा। तब छात्रा ने पूरे मामले की शिकायत रेंज साइबर थाने में की है।
जल्द शिकायत पर वापस मिल सकते हैं पैसे-
पुलिस का कहना है कि पैसे वापस मिलने की संभावना पीड़ित जितनी जल्दी पुलिस के पास पहुंचता है उतनी अधिक होती है। बैंक खाता बंद कर दिया जाता है, अगर कोई शिकायत होती है, इससे पहले कि ठग गिरोह पैसे छोड़ दे।
साथ ही, उनसे जुड़े नंबर भी ब्लॉक किए जाते हैं। इससे दूसरे ठगी से बचते हैं। साथ ही ठगों को देखना भी शुरू हो जाता है। पीड़ितों की शिकायतों पर ही ठग गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।