सारंगढ़ में शराब में पानी मिलाने का खुलासा, आबकारी विभाग पर सवाल उठे
सारंगढ़ में शराब के साथ पानी मिलाने की अनियमितता सामने आई है, जहां सरकारी शराब दुकान के कर्मचारी शराब में पानी मिलाकर बेच रहे हैं। स्वास्थ्य और पैसे का नुकसान हो रहा है, लेकिन आबकारी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले में शराब में पानी मिलाने का मामला सामने आया है, जो न सिर्फ लोगों की सेहत के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि इससे सरकार को भी भारी नुकसान हो रहा है। दरअसल, सरकारी शराब दुकान में काम करने वाले कर्मचारी शराब में पानी मिलाकर उसे बेच रहे हैं, ताकि उनकी कमाई बढ़ सके। यह मिलावट लंबे समय से बेधड़क जारी है, और अधिकारी इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
पानी मिलाने से पैसे का नुकसान और स्वास्थ्य का खतरा
सारंगढ़ जिले के बरमकेला स्थित देशी शराब दुकान में यह मिलावट का खेल काफी समय से चल रहा है। शराब प्रेमियों का कहना है कि जब वे शराब खरीदकर घर ले जाते हैं, तो उसमें पानी मिलाने की आवश्यकता महसूस नहीं होती क्योंकि वह पहले ही पानी से मिलाकर बेची जाती है। इस मिलावट से लोगों का पैसा तो बर्बाद हो ही रहा है, साथ ही उनकी सेहत भी लगातार प्रभावित हो रही है। मिलावट के कारण कई लोगों की हालत खराब हो चुकी है, और कुछ मामलों में तो लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
आबकारी विभाग की खामोशी पर सवाल
यह हैरान करने वाली बात है कि इतने लंबे समय से चल रहे इस मिलावट के खेल की जानकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, जब आबकारी विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिलती है, तो वे बरमकेला शराब दुकान की जांच के लिए पहुंचने का प्रयास करते हैं, लेकिन दुकान के कर्मचारी पहले से सतर्क हो जाते हैं और मिलावट के खेल को कुछ समय के लिए बंद कर देते हैं।
अवैध शराब बिक्री का भी आरोप
सूत्रों से यह भी पता चला है कि बरमकेला शराब दुकान के कर्मचारी न सिर्फ शराब में पानी मिलाते हैं, बल्कि गांवों में भी शराब बेचने का काम कर रहे हैं। इससे अवैध शराब बिक्री हो रही है, जो सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रही है। इस पूरी स्थिति में आबकारी विभाग का मौन समर्थन नजर आता है, जिससे इस मिलावट के खेल को और बढ़ावा मिल रहा है।
स्वास्थ्य और सरकारी नुकसान की चिंता
यह मिलावट न सिर्फ शराब पीने वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की बात है, बल्कि यह राज्य सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रही है। स्वास्थ्य और सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन करके इस खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो न केवल लोगों की जान से खिलवाड़ है, बल्कि इसे बढ़ावा देने वाले अधिकारियों की लापरवाही भी सवालों के घेरे में है।