डीकेएस अस्पताल टेंडर विवाद: 2 करोड़ टर्नओवर और 5 करोड़ नेटवर्थ की शर्त पर बवाल
डीकेएस अस्पताल टेंडर विवाद: 2 करोड़ टर्नओवर और 5 करोड़ नेटवर्थ की शर्त पर बवाल

रायपुर, 28 जून 2025 – डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल द्वारा लॉन्ड्री सेवाओं के लिए जारी किए गए टेंडर पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस टेंडर में 2 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर और 5 करोड़ रुपये की नेटवर्थ की शर्त स्थानीय व्यवसायों, धोबी समुदाय और स्थानीय लॉन्ड्री कर्मचारी संगठनों के निशाने पर आ गई है। उनका आरोप है कि ये शर्तें बड़ी फर्मों को लाभ पहुंचाने और स्थानीय उद्यमियों को बाहर करने की एक साजिश है।
लॉन्ड्री सेवा के इस टेंडर में अस्पताल के सभी बेडशीट, तकिया कवर, डॉक्टर और मरीजों की यूनिफॉर्म, स्टाफ यूनिफॉर्म, तौलिये, कंबल, ओटी लिनन सेट, गाउन, पर्दे और नर्सिंग यूनिफॉर्म की धुलाई शामिल है। प्रदेश धोबी समाज के प्रदेश महामंत्री हेमंत निर्मलकर ने डीकेएस अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखकर इन शर्तों को अनुचित बताया है। उनका कहना है कि टर्नओवर और नेटवर्थ की आवश्यकताएं disproportionate हैं और इनका उद्देश्य मध्यम और योग्य फर्मों को बाहर करना है।
इसके अतिरिक्त, टेंडर में रायपुर में कार्यालय होना अनिवार्य किया गया है, जिसे भारतीय प्रतिस्पर्धा नियमों के विपरीत माना जा रहा है। साथ ही, 18 लाख रुपये की परफॉरमेंस गारंटी को भी अनुचित ठहराया गया है। 15 दिनों के भीतर उपकरण स्थापित करने की शर्त और अस्पष्ट निरीक्षण प्रक्रिया को भी अव्यावहारिक बताया गया है।
शहर धोबी समाज और लॉन्ड्री कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वरुण निर्मलकर ने भी इन चिंताओं को दोहराते हुए टेंडर की शर्तों को छोटे व्यवसायों और स्वयं सहायता समूहों के खिलाफ एक साजिश बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर टेंडर को तत्काल रद्द करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि स्थानीय व्यवसायों को बाहर करने के प्रयास जारी रहते हैं तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। यह विवाद डीकेएस अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है और स्थानीय व्यवसायों के अधिकारों की लड़ाई को उजागर कर रहा है।