AIIMS से डॉक्टरों का पलायन जारी, बेहतर वेतन और सुविधाओं की कमी बनी वजह
AIIMS से डॉक्टरों का पलायन जारी, बेहतर वेतन और सुविधाओं की कमी बनी वजह

रायपुर, 13 अगस्त: देशभर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में डॉक्टरों का नौकरी छोड़ना एक गंभीर समस्या बन गया है। 2022 से 2024 के बीच, 20 एम्स से कुल 429 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। इस आंकड़े में सबसे अधिक दिल्ली एम्स से 52 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है, इसके बाद ऋषिकेश (38), रायपुर (35), बिलासपुर (32) और मंगलागिरी (30) एम्स का स्थान है।
इस पलायन का मुख्य कारण बेहतर वेतन और सुविधाओं की कमी बताई गई है। एक तरफ जहां निजी अस्पतालों में डॉक्टरों को एम्स की तुलना में चार से दस गुना ज्यादा वेतन मिलता है, वहीं एम्स में काम करने वाले डॉक्टरों को कम वेतन और सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 20 एम्स में से हर तीन में से एक फैकल्टी का पद खाली है। दिल्ली एम्स में 35%, भोपाल में 23% और भुवनेश्वर में 31% पद रिक्त हैं।
खासकर, रायबरेली एम्स में स्थिति ज्यादा गंभीर है, जहां सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 80% से अधिक पद और मेडिकल फैकल्टी के लगभग आधे पद खाली हैं, जिसके कारण मरीजों को सर्जरी के लिए डेढ़ साल तक इंतजार करना पड़ रहा है। रायबरेली एम्स में डॉक्टरों की कमी के अन्य कारणों में कर्मचारियों के लिए आवास की कमी, कनेक्टिविटी की समस्या, कम एचआरए और सुरक्षा संबंधी चिंताएं शामिल हैं। इसके अलावा, नए एम्स में अच्छी जीवनशैली, स्कूलों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी भी युवा डॉक्टरों को आकर्षित करने में विफल रही है।
इस मुद्दे ने राजनीतिक हलचल भी पैदा की है, जहां अमेठी के सांसद केएल शर्मा ने बताया कि राहुल गांधी ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मानव संसाधन और सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया था। हालांकि, सरकार का कहना है कि पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन विपक्ष और डॉक्टरों का मानना है कि ये प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।