छत्तीसगढ़

डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर राहत, एनपीए न लेने वाले चिकित्सकों को छूट

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) का लाभ न लेने वाले डॉक्टरों पर निजी प्रैक्टिस करने पर कोई कार्रवाई नहीं होगी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) का लाभ न लेने वाले डॉक्टरों पर निजी प्रैक्टिस करने पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, जब तक कि उनकी प्रैक्टिस से सरकारी व्यवस्था प्रभावित नहीं होती। यह आश्वासन स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ की पहल पर दिया।

सरकारी डॉक्टरों में असंतोष के बीच, मंत्री ने एनपीए लेकर निजी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई की बात भी दोहराई। इसके अलावा, आयुष्मान योजना के तहत ऐसे अस्पतालों पर भी शिकंजा कसने की चेतावनी दी।

प्रमुख बिंदु:

  • एनपीए न लेने वाले डॉक्टरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति।
  • सरकारी व्यवस्था प्रभावित न होने की शर्त।
  • डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के बीच संवाद बढ़ाने के लिए सलाहकार मंडल का गठन।
  • अस्पतालों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए पेंडिंग पेमेंट पर भी विचार।

आर्थिक संकट और बांड अवधि पर चर्चा: अस्पतालों को छह माह से भुगतान न मिलने से उत्पन्न संकट और चिकित्सा विशेषज्ञों की बांड अवधि को लेकर भी चर्चा हुई। मंत्री ने इस मुद्दे पर मध्यावधि चुनाव के बाद बैठक का आश्वासन दिया।

यह कदम राज्य में डॉक्टरों के असंतोष को कम करने के साथ ही सरकारी और निजी चिकित्सा व्यवस्थाओं के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

 

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