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डोंगरगढ़: प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी गड़बड़ी, रसूखदार उठा रहे लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को जरूरतमंदों के लिए शुरू किया गया था, लेकिन डोंगरगढ़ में इसके तहत हो रही
राजनांदगांव, डोंगरगढ़। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को जरूरतमंदों के लिए शुरू किया गया था, लेकिन डोंगरगढ़ में इसके तहत हो रही अनियमितताओं ने योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रसूखदार लोग और पूंजीपति अपनी ताकत और गलत दस्तावेजों के सहारे इसका लाभ उठा रहे हैं।
सरपंच द्वारा नियमों की अनदेखी:
- आरोप: ग्राम पंचायत चिद्दों के सरपंच लालचंद पटेल पर आरोप है कि उन्होंने शहरी और ग्रामीण पते का फायदा उठाकर PMAY का लाभ लिया।
- दस्तावेजों की हेरफेर: सरपंच ने आधार कार्ड में पता बदलकर आवास योजना में आवेदन किया। उनका नाम न तो शहरी मतदाता सूची में है, न ही राशन कार्ड में, फिर भी उन्होंने लाभ प्राप्त कर लिया।
- पत्नी का नाम प्रतीक्षा सूची में: सरपंच की पत्नी का नाम भी आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में दर्ज है, जो इस मामले को और संदिग्ध बनाता है।
पूंजीपतियों का कब्जा और मनमानी:
- सरकारी जमीन पर अतिक्रमण: कई पूंजीपतियों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लिया और फिर मकान बेच दिया।
- जांच में लापरवाही: बिना उचित दस्तावेजों के पहाड़ी, तालाब किनारे और अयोग्य जगहों पर भी आवास योजना का लाभ दिया गया।
आवास मित्र और आर्किटेक्ट की मनमानी:
- जिम्मेदारी का अभाव: योजना के तहत नियुक्त आवास मित्र और आर्किटेक्ट नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
- जांच प्रक्रिया में खामियां: यदि कोई शिकायत करता है, तो जांच के लिए आए अधिकारी खानापूर्ति कर दोषियों को क्लीन चीट देकर लौट जाते हैं।
नगर पालिका अधिकारी का बयान:
डोंगरगढ़ नगर पालिका अधिकारी चंद्रकांत शर्मा ने कहा कि वह इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, “इसकी जानकारी मुझे अब मिल रही है। मैं सूडा (SUDA) को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करूंगा।”
समस्या के मुख्य बिंदु:
- दोहरी पहचान का दुरुपयोग: शहरी और ग्रामीण दोनों पते के आधार पर लाभ उठाया जा रहा है।
- जरूरतमंदों को वंचित किया जा रहा: पात्र हितग्राही आवास योजना से वंचित रह रहे हैं।
- जमीन और मकान की खरीद-बिक्री: योजना के मकानों को पूंजीपति खरीद-बेच रहे हैं, जो योजना के उद्देश्यों के विपरीत है।