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कुवैत की पाबंदी के बाद अंडों की कीमत में गिरावट, पोल्ट्री उद्योग पर संकट

देश के पोल्ट्री उद्योग पर संकट के बादल छा गए हैं। दक्षिण भारत के राज्यों से हर महीने करीब 1,500 करोड़ अंडे कुवैत निर्यात किए जाते थे

देश के पोल्ट्री उद्योग पर संकट के बादल छा गए हैं। दक्षिण भारत के राज्यों से हर महीने करीब 1,500 करोड़ अंडे कुवैत निर्यात किए जाते थे, लेकिन अब कुवैत ने 60 ग्राम से कम वजन वाले अंडों की खरीद पर रोक लगा दी है। इस फैसले के चलते 1,100 करोड़ अंडों का निर्यात ठप हो गया है, जिससे देशभर में अंडों का स्टॉक बढ़ने लगा है।

छत्तीसगढ़ में भी अंडों की कीमत गिरी

आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों के अंडे अब घरेलू बाजार में उतर रहे हैं, जिससे कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ में पोल्ट्री फार्म में अंडों की कीमत महज 4 रुपये प्रति अंडा तक पहुंच गई है, जबकि रिटेल में यह 4.50 से 5 रुपये में बेचा जा रहा है। राज्य के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि यहां से दूसरे राज्यों में अंडों की सप्लाई भी रुक गई है।

रोजाना 30 लाख अंडे स्टॉक में

छत्तीसगढ़ में रोजाना करीब 70 लाख अंडों का उत्पादन होता है, जिनमें से 30 लाख अंडे ओडिशा, महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भेजे जाते थे। लेकिन अब सप्लाई चेन बाधित होने के कारण लाखों अंडे कोल्ड स्टोरेज में जमा हो रहे हैं। इससे पोल्ट्री फार्म संचालकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

कोल्ड स्टोरेज में भर रहा स्टॉक

पोल्ट्री कारोबारियों के अनुसार, कोरोना काल के दौरान भी ऐसी ही स्थिति बनी थी, जब लाखों अंडे स्टोरेज में जमा हो गए थे। अब फिर से रोजाना 30 लाख अंडे स्टॉक में जोड़ने पड़ रहे हैं। कुछ व्यापारियों ने दूसरे राज्यों में भी कोल्ड स्टोरेज बुक करवा लिए हैं ताकि बाजार स्थिर होने पर वहां अंडे बेचे जा सकें।

लागत से कम दाम पर बिक्री

गर्मी के सीजन में अंडों की कीमतें अक्सर गिरती हैं, लेकिन इस बार हालात पहले से बदतर हो गए हैं। बीते वर्ष जहां पोल्ट्री फार्म में अंडों की कीमत 5.50 रुपये और रिटेल में 6.50 रुपये तक थी, वहीं अब ये कीमतें चार रुपये तक गिर गई हैं। पोल्ट्री व्यवसायी धनराज बैनर्जी ने बताया कि आंध्र प्रदेश से कम कीमत पर अंडे आने की वजह से स्थानीय बाजार में भी दाम गिराना पड़ा है।

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