छत्तीसगढ़-यूपी बॉर्डर पर महाकुंभ यात्रियों की एंट्री बैन, 15 KM लंबा जाम, 1 फरवरी से मिलेगी अनुमति
महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियां छत्तीसगढ़-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर रोकी गईं। 12 घंटे तक भारी वाहनों की आवाजाही ठप, 15 किलोमीटर लंबा जाम। 1 फरवरी से एंट्री शुरू होगी।
बलरामपुर (छत्तीसगढ़): उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। बुधवार शाम लगभग 12 घंटे तक भारी वाहनों और ट्रकों की आवाजाही बंद रहने के कारण धनवार से बसंतपुर तक 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। हालांकि, प्रशासन ने यातायात बहाल कर दिया है, लेकिन महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों की एंट्री अब भी प्रतिबंधित है।
प्रयागराज भगदड़ के बाद बढ़ी सख्ती
बलरामपुर जिले के धनवार बॉर्डर पर इस प्रतिबंध का सबसे ज्यादा असर देखा गया। प्रयागराज में भीड़ के कारण मची भगदड़ के बाद सीमावर्ती राज्यों ने 31 जनवरी रात 12 बजे तक वाहनों की एंट्री पूरी तरह बैन कर दी है। सरगुजा आईजी ने आदेश जारी कर श्रद्धालुओं की गाड़ियों को रोकने का निर्देश दिया, जिसके चलते सूरजपुर जिले के चंदौरा से वाहनों को वापस भेज दिया गया।
स्थानीय वाहनों को मिली छूट, भारी वाहन फंसे
- स्थानीय बसों और चार पहिया वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
- लेकिन महाकुंभ श्रद्धालुओं की गाड़ियों को यूपी बॉर्डर से आगे जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
- धनवार से बसंतपुर तक भारी जाम के कारण प्रशासन ने कुछ गाड़ियों को रघुनाथपुर होकर भेजने का निर्णय लिया।
- यूपी से छत्तीसगढ़ आने वाली गाड़ियों को अनुमति दी गई, लेकिन बॉर्डर पर लंबा जाम लगने से परेशानी बढ़ गई।
1 फरवरी से मिलेगी महाकुंभ यात्रा की अनुमति
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा कारणों से लगाया गया है। 1 फरवरी से श्रद्धालुओं के वाहनों को प्रयागराज जाने की अनुमति दी जाएगी। यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और वैकल्पिक मार्गों के इस्तेमाल की अपील की गई है।
श्रद्धालुओं की परेशानी
- खाने-पीने की दिक्कत: 12 घंटे तक जाम में फंसे श्रद्धालु खाने-पीने के लिए परेशान रहे।
- यात्रा में देरी: कई श्रद्धालु जो प्रयागराज कुंभ के लिए निकले थे, उन्हें बॉर्डर से लौटना पड़ा।
- परिवहन अव्यवस्था: भारी वाहनों की वजह से यातायात बाधित हुआ, जिससे आम यात्रियों को भी मुश्किलें हुईं।
फिलहाल, प्रशासन ने जाम को खत्म कर दिया है, लेकिन श्रद्धालुओं को 1 फरवरी तक इंतजार करना होगा।