छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: भारत माला परियोजना की जांच करेगी EOW, नक्सल नीति में बदलाव
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट ने भारत माला परियोजना में 350 करोड़ के घोटाले की जांच EOW से कराने का फैसला किया। साथ ही, नक्सल आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी दी गई। जानिए कैबिनेट के अन्य फैसले।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद बैठक में भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) से कराने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में मुआवजा घोटाले की शिकायतें सामने आई थीं, जिसमें वास्तविक 35 करोड़ की राशि को 350 करोड़ तक बढ़ाकर बांटा गया। यह मुद्दा विधानसभा में विपक्ष ने प्रमुखता से उठाया था, खासकर आरंग और अभनपुर इलाकों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। पहले ही कई अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है, और अब EOW गहराई से जांच करेगी।
कैबिनेट के अन्य फैसले:
1. विधेयकों का अनुमोदन
कैबिनेट ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी—
- छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025
- छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025
- छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025
इसके अलावा, फिल्म ‘छावा’ को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री करने की औपचारिक मंजूरी भी दी गई।
2. जल संसाधनों का प्रबंधन
राज्य में जल संसाधनों के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए राज्य जल सूचना केंद्र के गठन का फैसला किया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से एमओयू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में नई नक्सल नीति को मंजूरी
राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025’ को मंजूरी दी गई। यह नीति 2023 की पुरानी नीति को बदलकर लागू होगी।
मुख्य प्रावधान:
✔ आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता
✔ रिहैबिलिटेशन, शिक्षा, रोजगार, और सुरक्षा की गारंटी
✔ पीड़ितों को राहत देने के लिए नए प्रावधान