भारतमाला प्रोजेक्ट में घोटाले की जांच करेगी EOW, कांग्रेस ने CBI जांच की मांग की
छत्तीसगढ़ के भारतमाला प्रोजेक्ट में कथित गड़बड़ियों की जांच EOW करेगी। कांग्रेस ने CBI जांच की मांग उठाते हुए पूर्व मंत्रियों पर संलिप्तता के आरोप लगाए। पढ़ें पूरी खबर।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट में कथित गड़बड़ियों की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) करेगी। सरकार ने इस मामले में कुछ अधिकारियों पर पहले ही कार्रवाई की है, लेकिन कांग्रेस ने इसमें बड़े नेताओं की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की है।
डिप्टी सीएम अरुण साव का बयान: “गड़बड़ी किसके कार्यकाल में हुई, कांग्रेस बताए”
भारतमाला प्रोजेक्ट की जांच को लेकर डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा-
“कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि गड़बड़ी किसके कार्यकाल में हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? हमारी सरकार ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है और EOW इस मामले की जांच करेगी। घोटाले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
पूर्व PCC अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने उठाए सवाल, CBI जांच की मांग
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने EOW जांच को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा-
“अगर सरकार निष्पक्ष जांच चाहती है तो CBI जांच से परहेज क्यों कर रही है? इस घोटाले में अधिकारियों और भूमाफियाओं की संलिप्तता है। सरकार को सभी दोषियों से अवैध रूप से ली गई रकम की वसूली करनी चाहिए। संभाग स्तर के कई अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। CBI जांच से ही सच्चाई सामने आएगी।”
EOW जांच पर कांग्रेस का हमला: “पूर्व मंत्री को बचाने की साजिश?”
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा-
“सरकार सिर्फ EOW से जांच कराकर कुछ खास लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसमें पूर्व मंत्री समेत कई प्रभावशाली लोगों की भूमिका संदिग्ध है। जब हर मामले में ED सक्रिय है, तो फिर इस घोटाले की जांच में दिक्कत क्यों हो रही है? हमें इस मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच चाहिए।”
क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट और क्यों उठे घोटाले के आरोप?
भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत देशभर में हाईवे और सड़क नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत कई सड़क निर्माण कार्य चल रहे हैं। आरोप है कि इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं, जिसमें अफसरों और भूमाफियाओं की मिलीभगत की बात सामने आ रही है।