छत्तीसगढ़: बतौली में जल संकट, मान नदी सूखने से किसान परेशान, अवैध रेत खनन जारी
छत्तीसगढ़ के बतौली में जल संकट गहराता जा रहा है। मान नदी सूखने से किसान और ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। सिंचाई के लिए किसान खुदवा रहे हैं कुंआ, वहीं अवैध रेत खनन भी बढ़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर।

बतौली में जल संकट गहराया, मान नदी सूखने से किसान और ग्रामीण परेशान
बतौली। गर्मी की शुरुआत से पहले ही पानी की किल्लत ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। जल स्तर में गिरावट के कारण खेतों की सिंचाई और पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। बतौली क्षेत्र की मान नदी पूरी तरह सूख चुकी है, जिससे किसान और पालतू जानवर जल संकट का सामना कर रहे हैं।
नदी सूखने से बढ़ी सिंचाई की समस्या, किसान खुदवा रहे कुंआ
मंगारी नदीपारा स्थित मान नदी में अब सिर्फ बालू और पत्थर बचे हैं। नदी किनारे खेती करने वाले किसान पानी की भारी समस्या से जूझ रहे हैं। पूरे क्षेत्र में गेहूं, धान, गन्ना, मक्का और सब्जी की खेती हजारों एकड़ में की जाती है।
किसानों के सामने फसल बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। पानी की कमी को देखते हुए किसान जेसीबी से कुंआ खुदवा रहे हैं और उसमें मोटर लगाकर खेतों में सिंचाई कर रहे हैं।
सैकड़ों गांवों पर जल संकट का साया
मान नदी के सूखने से तारागी, पोपरेंगा, सरमना, पथराई, सुवारपारा, मंगारी, कपाटबहरी, वीरिमकेला, महेशपुर, विशुनपुर सहित कई गांवों में पानी की किल्लत बढ़ गई है। ग्रामीणों के सामने पीने के पानी का संकट भी गहराता जा रहा है।
रेत माफिया हुए सक्रिय, प्रशासन उदासीन
नदी के सूखते ही रेत तस्कर सक्रिय हो गए हैं। सूखी नदी में अवैध रेत खनन जारी है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो जल संकट और गंभीर हो सकता है।