छत्तीसगढ़

बेटे की पिटाई से सदमे में पिता की मौत, बेटियों ने लाश लेकर थाने पर किया प्रदर्शन

अर्जुन्दा इलाके में सरकारी अस्पताल में हुए विवाद के बाद पुलिस द्वारा कथित पिटाई के चलते बेटे प्रवीण चंदेल के घायल होने से उनके पिता किशोर सिंह चंदेल (65) को गहरा सदमा लगा

बालोद, छत्तीसगढ़: अर्जुन्दा इलाके में सरकारी अस्पताल में हुए विवाद के बाद पुलिस द्वारा कथित पिटाई के चलते बेटे प्रवीण चंदेल के घायल होने से उनके पिता किशोर सिंह चंदेल (65) को गहरा सदमा लगा, जिससे वह कोमा में चले गए। 25 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 13 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। दुखी परिजनों और गुस्से में आई चार बेटियों ने अपने पिता की लाश लेकर थाने में प्रदर्शन किया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
यह घटना 15 सितंबर की है, जब अर्जुन्दा सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के साथ कथित मारपीट के मामले में **प्रवीण चंदेल, सूर्यकांत शर्मा, और सन्नीजीत तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। प्रवीण की पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर हुई पिटाई से उनके शरीर पर कई चोटें आईं। बेटे की हालत देखकर किशोर सिंह को गहरा सदमा लगा, जिससे वे कोमा में चले गए और 25 दिन बाद उनकी मौत हो गई।

परिजनों का आरोप और प्रदर्शन

मृतक की चार बेटियों का कहना है कि उनका इकलौता भाई प्रवीण चंदेल अभी भी जेल में है, जिसकी वजह से वे अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके भाई को झूठे आरोपों में फंसाकर रातभर बेरहमी से पीटा, जिससे उनके पिता को गहरा मानसिक आघात लगा। बेटियों के साथ विधायक कुंवर सिंह निषाद और कांग्रेस कार्यकर्ता भी पुलिस थाने पहुंचे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

विधायक और परिजनों की मांग

विधायक कुंवर सिंह निषाद ने पुलिस पर आरोप लगाया कि प्रवीण चंदेल असल में डॉक्टर से मारपीट नहीं कर रहा था, बल्कि उसे बचाने की कोशिश कर रहा था। घटना का वीडियो भी मौजूद है, परंतु पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करते हुए उसे ही आरोपी बना दिया। वहीं, असली आरोपी सन्नीजीत तिवारी के खिलाफ सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की गई। परिजनों और विधायक ने एएसआई, विवेचक और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।इस मामले में बालोद एसपी एसआर भगत ने कहा कि उन्होंने परिजनों से आवेदन मांगा है और मामले की जांच की जाएगी। फिलहाल, एएसआई इंद्रजीत मेश्राम ,आरक्षक पुरानिक साहू, और वीरेंद्र साहू को लाइन अटैच कर दिया गया है।

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