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कोंडागांव में मृत्युभोज के बाद फूड पॉइजनिंग, बीजापुर बालिका आश्रम में बच्ची की मौत
कोंडागांव के चारभाठा गांव में मृत्युभोज के बाद 60 से अधिक ग्रामीण फूड पॉइजनिंग का शिकार। बीजापुर के बालिका आश्रम में पनीर खाने से 34 बच्चियां बीमार, एक की मौत।
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कोंडागांव: मृत्युभोज के बाद 60 ग्रामीण फूड पॉइजनिंग के शिकार, 40 अस्पताल में भर्ती
फरसगांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड स्थित ग्राम चारभाठा में मृत्युभोज के बाद 60 से अधिक ग्रामीणों को फूड पॉइजनिंग का शिकार होना पड़ा। ग्रामीणों को अचानक उल्टी-दस्त की समस्या शुरू हुई, जिससे गांव में हड़कंप मच गया।
घटना का विवरण:
- मृत्युभोज के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने गांव में शिविर लगाकर सभी की जांच की।
- गंभीर रूप से बीमार 40 ग्रामीणों को केशकाल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम इस मामले की गहन जांच कर रही है।
बीजापुर: बालिका आश्रम में फूड पॉइजनिंग से बच्ची की मौत, 34 बच्चियां अस्पताल में भर्ती
पिछले साल 10 दिसंबर को बीजापुर जिले के माता रुक्मिणी बालिका आश्रम, धनोरा में पनीर खाने से 34 बच्चियां फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गई थीं।
घटना की प्रमुख बातें:
- 9 बच्चियों की हालत गंभीर: इन बच्चियों को पीआईसीयू में भर्ती कराया गया।
- एक बच्ची की मौत: जगदलपुर मेडिकल कॉलेज ले जाते समय एक बच्ची ने दम तोड़ दिया, जबकि दूसरी बच्ची का इलाज चल रहा है।
- एफएसएल टीम ने बीजापुर अस्पताल में सैंपल लेकर इसे मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर भेजा।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण:
- बच्चियों को उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत हुई, जो रविवार रात से सोमवार सुबह तक बढ़ती गई।
- फूड पॉइजनिंग की इस घटना के बाद संस्था के संस्थापक धर्मपाल सैनी ने बीजापुर अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
विशेष ध्यान:
- ग्रामीण इलाकों और संस्थानों में भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
- इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए भोजन सामग्री की जांच और साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए।