पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने शराब घोटाले में किया गिरफ्तार, 5 दिन की रिमांड पर
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने शराब घोटाले में किया गिरफ्तार, 5 दिन की रिमांड पर

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले में शामिल एक सिंडिकेट के माध्यम से कथित तौर पर लगभग ₹1,000 करोड़ प्राप्त किए। ईडी की जांच भूपेश बघेल के करीबी सहयोगियों से मिले सबूतों पर आधारित है।
भूपेश बघेल के करीबी सहयोगी और व्यवसायी पप्पू बंसल ने कथित तौर पर शराब घोटाले से तीन महीने के भीतर ₹136 करोड़ प्राप्त करने की बात स्वीकार की है, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह पैसा व्यवसायी अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित ने भेजा था। बंसल ने यह भी बताया कि चैतन्य को सिंडिकेट से ₹1,000 करोड़ मिले थे।
एक अन्य सहयोगी, स्वयं-भू तांत्रिक के.के. श्रीवास्तव ने कथित तौर पर ईडी को बताया कि उन्होंने चैतन्य के माध्यम से ₹100 करोड़ प्राप्त किए और इसे विभिन्न परियोजनाओं में निवेश किया, जिसके सबूत भी उन्होंने दिए हैं।
दुर्ग के एक जौहरी ने स्वीकार किया कि चैतन्य ने उन्हें ₹5 करोड़ बिना ब्याज के उधार दिए थे, जिसे अभी तक चुकाया नहीं गया है। चैतन्य अपनी कंपनी बघेल बिल्डकॉन के माध्यम से कुम्हारी में ₹1,300 करोड़ की परियोजना ‘विट्ठल ग्रीन सिटी’ भी विकसित कर रहे हैं।
ईडी का दावा है कि चैतन्य के खिलाफ ₹16.7 करोड़ के अवैध लेनदेन के ठोस सबूत हैं, जो उनकी गिरफ्तारी का मुख्य आधार है। ईडी के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडे ने कहा कि चैतन्य ने शराब घोटाले से यह राशि अवैध रूप से प्राप्त की थी।
जांच से पता चलता है कि शराब घोटाले का पैसा अनवर ढेबर से दुर्ग, फिर दीपेंद्र चावड़ा (ढेबर के होटल मैनेजर) और उसके बाद के.के. श्रीवास्तव और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचा, और अंततः चैतन्य तक पहुंचा। चैतन्य और पप्पू बंसल ने कथित तौर पर इन निधियों को विभिन्न स्थानों पर निवेश किया। आगे और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।