पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित; प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह आवास पहुंचे
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित; प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह आवास पहुंचे

Manmohan Singh Passes Away – गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें देर शाम दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 92 वर्ष की उम्र में वह लंबे समय से बीमार थे।
गुरुवार को 92 वर्ष की उम्र में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया। गुरुवार शाम को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स दिल्ली में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। मनमोहन सिंह का निधन एम्स के आपातकालीन विभाग में हुआ। उनके निधन पर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। दिल्ली स्थित निवास पर मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर लाया गया है।
दिल्ली एम्स ने आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की। वह उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और 26 दिसंबर को वह घर पर बेहोश हो गए थे। घर पर उन्हें तत्काल उपचार दिया गया। गुरुवार को ही शाम 8.06 बजे एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उनका श्रद्धांजलि दी है। इस दौरान, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी गुरुशरण कौर से बातचीत की।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर पहुंचे हैं।
एक नज़र में देखें उनका जीवन सफर –
वे अर्थव्यवस्था को बदलने वाले व्यापक सुधार लाए थे। यूपीए के दो कार्यकाल के प्रधानमंत्री के रूप में, वह 2004 और 2014 तक शीर्ष पद पर रहे और इस साल की शुरुआत तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया।
- मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। देश के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत चला आया था।
- मनमोहन सिंह ने आर्थिक उदारीकरण के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व बाजार से जोड़ दिया। पंजाब विश्वविद्यालय में शिक्षक के तौर पर उन्होंने अपना करियर शुरू किया।
- बाद में दिल्ली स्कूल आफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर पद पर रहे। वह वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे।
- वे 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए। अर्थशास्त्री से राजनेता बने मनमोहन सिंह 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए।
- नरसिंह राव ने जिस समय उन्हें वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी, उस समय वह संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे।
- 1991-96 तक नरसिंह राव सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने तमाम आर्थिक सुधार किए और लालफीताशाही का अंत किया। मनमोहन लगातार पांच बार राज्यसभा सदस्य रहे।
- राजीव गांधी के शासनकाल में मनमोहन सिंह को योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस पद पर वह पांच वर्ष तक रहे।