बलौदाबाजार: टोनही के शक में एक ही परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या, 6 माह के मासूम की भी गई जान
कसडोल (बलौदाबाजार) : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के चार लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस दुखद घटना में 6 माह के मासूम बच्चे को भी नहीं बख्शा गया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
गुरुवार की शाम हत्याकांड:
कसडोल थाना क्षेत्र के छरछेद गांव में गुरुवार की शाम को चैतराम केंवट और उसके परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। पड़ोसियों ने अंधविश्वास के चलते चैतराम और उसके परिवार पर टोनही होने का शक करते हुए इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया। हत्यारों ने मासूम बच्चे सहित पूरे परिवार को कुल्हाड़ी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया।
अंधविश्वास से उपजा अपराध:
ग्रामीणों के अनुसार, आरोपियों के परिवार में एक बच्ची की तबीयत लंबे समय से खराब थी। उन्होंने कई बार झाड़-फूंक करवाई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसी के चलते उन्हें शक हुआ कि पड़ोसी चैतराम के परिवार ने जादू-टोना किया है। इस शक ने उन्हें हिंसा की तरफ धकेल दिया, और उन्होंने निर्दोष परिवार पर हमला कर उनकी हत्या कर दी।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही कसडोल पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में रामनाथ पाटले, दीपक पाटले, और दिल कुमार पाटले शामिल हैं, जिन्होंने इस निर्मम हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर देखा तो घर के अंदर का दृश्य बेहद भयावह था। चारों शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत थे, और घर में खून के छींटे हर ओर बिखरे हुए थे।
गांव की शांति पर अंधविश्वास का साया:
छरछेद गांव, जो कभी स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुका था, अब अंधविश्वास और हिंसा की इस घटना के कारण सुर्खियों में आ गया है। इस घटना ने गांव के शांतिपूर्ण माहौल को तहस-नहस कर दिया है और क्षेत्र में शोक की लहर है।
पुलिस जांच में जुटी:
फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। अंधविश्वास के कारण हुई इस निर्मम हत्या ने एक बार फिर समाज में फैली गलत धारणाओं और उनके परिणामों को उजागर किया है।