धान खरीदी में धोखाधड़ी रोकने के लिए नई पॉलिसी, डीओ अदला-बदली पर लगेगी कड़ी नजर
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार ने नई पॉलिसी की घोषणा की है, जिससे मिलर्स द्वारा की जाने
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार ने नई पॉलिसी की घोषणा की है, जिससे मिलर्स द्वारा की जाने वाली अदला-बदली की समस्या पर कड़ा अंकुश लगेगा। इस नई पॉलिसी के तहत, अब हर धान उठाने और अनलोडिंग से पहले भारत सरकार के पोर्टल में जानकारी दर्ज करनी होगी, जिससे ट्रांसपोर्टेशन और वितरण प्रक्रिया की सही तरीके से निगरानी की जा सकेगी।
डीओ की अदला-बदली पर आएगी रोक
गौरतलब है कि हर साल कस्टम मिलिंग के लिए जारी किए जाने वाले डिलीवरी ऑर्डर (डीओ) के माध्यम से मिलर्स धान की अदला-बदली करते हैं। पास के मिलर अपने डीओ को दूर के मिलर को बेच देते हैं, जिससे राज्य सरकार को भारी नुकसान होता है। पिछले वर्ष, दुर्ग जिले के मिलर्स ने आसपास के जिलों से धान उठाने के लिए डीओ का गलत इस्तेमाल किया था। इसके परिणामस्वरूप सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ।
नई पॉलिसी से होगा भाड़े का घोटाला रोका
नई पॉलिसी के तहत, अब ट्रक नंबर, उपार्जन केंद्र का नाम, और अनलोडिंग की जानकारी पहले से भारत सरकार के पोर्टल में एंट्री करना अनिवार्य होगा। साथ ही, ट्रक अनलोड होने के बाद भी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाएगा। इस कदम से हर साल लाखों रुपए के घोटाले को रोका जाएगा और कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
मिलों पर होगी कड़ी निगरानी
नई पॉलिसी में मिलर्स की गतिविधियों पर भी निगरानी कड़ी की जाएगी। मिलों में धान की स्टॉक और मिलिंग की जानकारी को हर महीने पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही, मिलों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। एफसीआई और नान की टीम मिलों की निगरानी करेगी और वीडियोग्राफी के जरिए जानकारी को केन्द्र के पोर्टल में अपलोड किया जाएगा।
जीपीएस से होगी ट्रक की निगरानी
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार ट्रकों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ट्रक के लोड होने से लेकर अनलोड होने तक हर गतिविधि की जानकारी भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। इससे ट्रांसपोर्टेशन के दौरान होने वाली किसी भी अनियमितता को रोका जा सकेगा।
राज्य सरकार की ओर से कदम
मार्कफेड के प्रबंध संचालक रमेश शर्मा ने बताया कि उपार्जन केंद्र से धान उठाने वाले ट्रक की जानकारी पोर्टल में दर्ज की जाएगी और अनलोडिंग के बाद भी उसकी निगरानी की जाएगी। यह पॉलिसी राज्य सरकार के कड़े कदम का हिस्सा है, ताकि धान की अदला-बदली और भाड़े के घोटालों को पूरी तरह से रोका जा सके।