दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ?: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने फायदे-नुकसान पर रखे विचार, विकास को बताया प्राथमिकता
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ?: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने फायदे-नुकसान पर रखे विचार, विकास को बताया प्राथमिकता

नई दिल्ली: दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के बहुचर्चित मुद्दे पर वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। यह मुद्दा पूर्व की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में केंद्र और उपराज्यपाल के बीच लगातार तनाव का कारण बनता रहा था, और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग अक्सर उठती थी। अब जब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार रेखा गुप्ता के नेतृत्व में है, तो इस विषय पर उनके बयान महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों का ध्यान केवल विवादों पर केंद्रित था, चाहे वह प्रशासन, न्यायालय, उपराज्यपाल या पुलिस के साथ हो। इसके विपरीत, उनका मानना है कि सरकारें एक साथ मिलकर काम कर सकती हैं। उन्होंने अपने अनुभव से बताया कि पहले केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहयोग की कमी थी, लेकिन अब दिल्ली में केंद्र, राज्य और नगर निगम का एक साथ मिलकर काम करना एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है।
रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि वर्तमान में ऐसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है जिसमें दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा (स्टेटहुड) की तत्काल आवश्यकता हो, और उनके सामने दिल्ली के विकास से जुड़ी कई अन्य प्राथमिकताएं भी हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार और अन्य राज्य सरकारों को विभिन्न योजनाओं के तहत लगातार फंडिंग और लाभ प्रदान किए हैं, जबकि पिछली सरकारें केवल समस्याओं का रोना रोती रहीं।
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि स्टेटहुड के निश्चित रूप से कई लाभ होते हैं, लेकिन इसके साथ कुछ संभावित हानियाँ भी जुड़ी हो सकती हैं। हालांकि, उन्होंने इन हानियों पर विस्तार से चर्चा नहीं की। उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात दिल्ली का चहुंमुखी विकास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि केंद्र सरकार उनकी पूरी सहायता कर रही है, तो उनका एकमात्र ध्यान दिल्ली के विकास पर ही केंद्रित है। उन्होंने 20 से अधिक ऐसे उदाहरण भी दिए, जब केंद्र सरकार ने दिल्ली को करोड़ों रुपये की फंडिंग प्रदान की। उन्होंने केंद्र सरकार से दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को हटाने और यमुना नदी की सफाई करने का भी आग्रह किया।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में करोड़ों की लागत से बनाए गए पचास हजार मकान आज खाली पड़े हैं। ये मकान लगभग 10 से 15 साल पहले बनाए गए थे, लेकिन किसी भी गरीब को आवंटित नहीं किए गए, जिसके कारण वे अब जर्जर होकर मिट्टी में मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वर्तमान उपराज्यपाल की भी खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई उपराज्यपाल नहीं देखा, जो स्वयं क्षेत्र का दौरा करते हैं और सीधे लोगों की समस्याओं को सुनते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उपराज्यपाल ने दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके लिए दिल्लीवासी उनके ऋणी रहेंगे। पूर्व सरकार के समय एलजी और केजरीवाल सरकार के बीच लगातार तनाव की खबरें आती रहीं थीं, लेकिन वर्तमान में स्थिति काफी अलग और सहयोगात्मक है।