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गोल्ड का सपना टूटा, फ्रीस्टाइल कुश्ती में विनेश फोगाट अयोग्य घोषित

विनेश फोगाट का ओलंपिक से डिस्क्वालीफिकेशन

विनेश फोगाट का ओलंपिक से डिस्क्वालीफिकेशन:
नई दिल्ली। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना उस समय टूट गया जब उन्हें फ्रीस्टाइल कुश्ती के 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। विनेश ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था, लेकिन नियमों के उल्लंघन के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

भारतीय कोच और ओलंपिक संघ का बयान:
सुबह के समय विनेश का वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया, जो नियमों के अनुसार अनुमत नहीं था। भारतीय ओलंपिक संघ ने इस बात की पुष्टि की और विनेश की निजता का सम्मान करने की अपील की। संघ ने कहा कि पूरी रात टीम के प्रयासों के बावजूद विनेश का वजन 50 किलो से अधिक पाया गया, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

विनेश की जीत की उपलब्धियां:
विनेश ने टोक्यो खेलों की स्वर्ण पदक विजेता सुसाकी को 3-2 से हराकर एक यादगार जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल में पूर्व यूरोपीय चैंपियन लिवाच को 7-5 से हराया। इन जीतों ने उन्हें फाइनल में पहुँचाया था।

फ्रीस्टाइल कुश्ती के नियम और मुकाबले की संरचना:
फ्रीस्टाइल कुश्ती में मुकाबला तीन-तीन मिनट के दो राउंड में होता है, जिनके बीच 30 सेकंड का ब्रेक होता है। आधिकारिक प्रतियोगिताओं में राउंड की अवधि कम हो सकती है। कुश्ती का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी के कंधों को मैट पर लगाकर जीत हासिल करना होता है, जिसे ‘फाउल’ के रूप में जाना जाता है।

अंकों से जीत हासिल करने का तरीका:
कुश्ती में अंकों से भी जीत हासिल की जा सकती है। पहलवान विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके अंक प्राप्त करते हैं। हर तकनीक की कठिनाई के आधार पर 1 से 5 अंक मिल सकते हैं। अधिक कठिन तकनीकें, जैसे आर्किंग थ्रो, अधिक अंक देती हैं।

अवैध होल्ड और चेतावनियों का प्रभाव:
अवैध होल्ड के लिए भी अंक दिए जाते हैं। अगर कोई पहलवान गलत तरीके से अपने प्रतिद्वंद्वी को पकड़ता है या मुकाबले से भागने की कोशिश करता है, तो उसे चेतावनी दी जाती है। तीन चेतावनियों के बाद पहलवान को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

टाई-ब्रेक और तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत:
अगर मुकाबला बराबरी पर समाप्त होता है, तो टाई-ब्रेक में मुकाबला जारी रहता है। अगर कोई पहलवान अपने प्रतिद्वंद्वी पर 10 अंकों की बढ़त बना लेता है, तो उसे तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर विजेता घोषित किया जाता है।

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