ऑनलाइन क्राइम से निपटने के लिए सरकार बनाएगी 5,000 साइबर कमांडो
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 सितंबर को I4C (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) के स्थापना दिवस पर एक बड़ा ऐलान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 सितंबर को I4C (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) के स्थापना दिवस पर एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो तैयार किए जाएंगे, जो देश में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होंगे। यह कदम देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया जा रहा है, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है।
साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय प्रगति के लिए आवश्यक
अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि साइबर स्पेस को सुरक्षित बनाना देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। आज भारत में 46% डिजिटल लेनदेन हो रहे हैं, और इस कारण साइबर अपराधों का जोखिम भी बढ़ गया है। इसलिए, साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देना अनिवार्य है। शाह ने कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं होती, और इसके लिए सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यूजर्स को एकजुट होकर इस चुनौती से निपटना होगा।
I4C के तहत नए प्लेटफार्मों की शुरुआत
गृह मंत्री ने I4C के तहत चार नए प्लेटफार्मों का भी उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य साइबर अपराधों से निपटना है। I4C, 2018 में गृह मंत्रालय के अधीन स्थापित किया गया था, और यह साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक समन्वय केंद्र के रूप में काम करता है। इसका मकसद देश की लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों की क्षमताओं को बढ़ाना और साइबर सुरक्षा को मजबूत करना है।
सभी एजेंसियों का संयुक्त प्रयास जरूरी
अमित शाह ने जोर दिया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए सभी एजेंसियों और संगठनों को साथ मिलकर काम करना होगा। साइबर सिक्योरिटी केवल सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति और अखंडता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना साइबर सुरक्षा के देश की प्रगति असंभव है।
साइबर स्पेस में बढ़ते अपराधों से निपटने की योजना
सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए 5,000 साइबर कमांडो तैयार करने की योजना बनाई है, जो डिजिटल दुनिया में सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करेंगे।