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चारधाम यात्रा 2025 का भव्य शुभारंभ: श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम

चारधाम यात्रा 2025 का भव्य शुभारंभ: श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम

Chardham Yatra 2025 :- आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर, हिमालय की गोद में स्थित चारधामों की बहुप्रतीक्षित यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है। आस्था और श्रद्धा के सागर में गोता लगाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो चुका है। इस आध्यात्मिक यात्रा के पहले चरण में, गंगोत्री धाम के कपाट शुभ मुहूर्त में सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ खोल दिए गए। इसके बाद, यमुनात्री धाम के द्वार भी पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे, जहाँ माँ यमुना के दिव्य दर्शन का लाभ प्राप्त होगा।

इस वर्ष, भगवान शिव के धाम केदारनाथ के कपाट 2 मई को प्रातः 7 बजे खुलेंगे, जिसका भक्तगण बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं, जगत के पालनहार भगवान विष्णु का पवित्र धाम बद्रीनाथ 4 मई को अपने द्वार खोलेगा, जिससे चारधाम यात्रा का पूर्ण चक्र संपन्न होगा।

चारधाम, जो कि उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं, सदियों से सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। ये पवित्र स्थल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का भी केंद्र हैं। केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित है, जहाँ उनकी ज्योतिर्लिंग स्वरूप में पूजा की जाती है। बद्रीनाथ में भगवान विष्णु की आराधना होती है, जिनकी दिव्य मूर्ति भक्तों को शांति और मोक्ष प्रदान करती है। गंगोत्री, माँ गंगा का उद्गम स्थल है, और यमुनोत्री, यमुना नदी का। इन नदियों को हिंदू धर्म में पवित्र और जीवनदायिनी माना जाता है।

पिछली यात्राओं के दौरान श्रद्धालुओं को हुई भीड़ और असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। पूरी यात्रा मार्ग को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए इसे 2 सुपर जोन, 7 जोन और 26 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल के साथ-साथ PAC, फायर ब्रिगेड, SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), होमगार्ड और PRD (प्रांतीय रक्षक दल) के लगभग 850 कर्मियों को विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है। यह व्यापक सुरक्षा व्यवस्था श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और निर्बाध यात्रा अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।

चारधाम यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह प्रकृति के अद्भुत नजारों से भी साक्षात्कार कराती है। ऊँचे-ऊँचे पर्वत, घने जंगल और बहती नदियाँ इस यात्रा को और भी मनोरम बना देती हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं, अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं और ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस वर्ष भी, भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है, और उम्मीद है कि यह यात्रा शांति और सद्भाव के साथ संपन्न होगी। प्रशासन की ओर से सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे नियमों का पालन करें और यात्रा को सफल बनाने में सहयोग करें।

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