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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फिर मिली फरलो, 21 दिन की रिहाई

नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 21 दिन की फरलो मिली है, जिसके बाद वह मंगलवार को हरियाणा की सुनारिया जेल से रिहा हो गया। राम रहीम बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद 20 साल की कैद की सजा काट रहा है।

राम रहीम फरलो की अवधि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित अपने बरनावा आश्रम में बिताएगा। जेल से रिहाई के समय उसे पुलिस सुरक्षा में बागपत ले जाया गया। राम रहीम को इससे पहले भी कई बार फरलो और पैरोल मिल चुकी है, जिसमें वह अक्सर अपने आश्रम में समय बिताता है और कई बार म्यूजिक वीडियो भी जारी करता है।

फरलो और पैरोल: क्या अंतर है?

फरलो और पैरोल दोनों ही कैदियों को अस्थायी रूप से जेल से बाहर निकालने के तरीके हैं, लेकिन इन दोनों में महत्वपूर्ण अंतर हैं। फरलो एक कैदी का अधिकार होता है और इसे बिना किसी विशेष कारण के भी दिया जा सकता है। जबकि पैरोल के लिए कोई निश्चित कारण होना आवश्यक होता है, जैसे परिवार में किसी की मृत्यु, शादी आदि। फरलो की अवधि को सजा में छूट के रूप में गिना जाता है, जबकि पैरोल को विशेष परिस्थितियों में दी जाने वाली अस्थायी रिहाई के रूप में देखा जाता है।

राम रहीम के मामलों की पृष्ठभूमि

गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था। इसके अलावा, उसे डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। राम रहीम को समय-समय पर फरलो और पैरोल मिलती रही है, जिससे वह समाज और मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है।

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