आय से अधिक संपत्ति रखने पर अभियंता मनोज सिंह ठाकुर को 5 साल की सजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता मनोज सिंह ठाकुर को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने उन्हें 5 साल के सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यदि अर्थदंड जमा नहीं किया जाता है, तो आरोपी को 1 साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
कोर्ट में पेश हुए थे ठोस सबूत, न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
मंगलवार को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर में इस प्रकरण की सुनवाई हुई। न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने मामले की विस्तृत जांच और सुनवाई के बाद अभियुक्त को दोषी ठहराया। कोर्ट ने माना कि मनोज सिंह ठाकुर ने लोक सेवक के पद का दुरुपयोग कर अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय से कहीं अधिक थी।
2015 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मारा था छापा
इस मामले की शुरुआत जुलाई 2015 में हुई थी, जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आरोपी के रायपुर स्थित दीनदयाल नगर एमआईजी/285 आवास पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान सोने-चांदी के आभूषण, नगद राशि, वाहन, बैंक पासबुक, बीमा पत्रक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) ई. और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
71 लाख से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा
ACB की जांच में खुलासा हुआ कि अभियंता मनोज सिंह ठाकुर और उनके परिवार के नाम पर 71 लाख 22 हजार 771 रुपए की संपत्ति थी, जो उनकी वैध आय से कई गुना अधिक थी। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि यह संपत्ति उन्होंने अपनी सेवा अवधि के दौरान अवैध तरीकों से अर्जित की।
कोर्ट का फैसला: सख्त कार्रवाई का संदेश
कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए 5 साल सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आरोपी अर्थदंड अदा नहीं करता है, तो उसे 1 साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
भ्रष्टाचार पर सख्ती, सरकारी सेवकों को चेतावनी
यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार और ACB द्वारा लगातार भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की कोशिशें जारी हैं। यह मामला सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चेतावनी भी है कि अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने पर कानूनी कार्यवाही से बचना मुश्किल होगा।