छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन पर हाईकोर्ट सख्त, जुर्माने के बजाय कड़ी कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अवैध रेत खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना लगाकर अवैध खनन करने वालों को छोड़ना समाधान नहीं है

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अवैध रेत खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना लगाकर अवैध खनन करने वालों को छोड़ना समाधान नहीं है, क्योंकि बड़े लोग आसानी से जुर्माना भरकर बच निकलते हैं और उससे कई गुना अधिक कमा लेते हैं।
हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि बार-बार अवैध खनन करने वालों पर गंभीर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? कोर्ट ने कहा कि माइनिंग एंड मिनरल एक्ट के तहत पैनल एक्शन लिया जाना चाहिए, ताकि इस समस्या पर लगाम लग सके।
राज्य सरकार की दलील
राज्य सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की गई है। यह टीम दूसरे राज्यों का दौरा करके रिपोर्ट पेश करेगी। साथ ही, अरपा नदी में गंदे पानी की समस्या को रोकने के लिए पुणे की एक कंपनी से डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करवाई जा रही है। इस रिपोर्ट पर चर्चा के लिए 26 मार्च को एमआईसी की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा।
एफआईआर और सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार ने बताया कि अब अवैध रेत खनन और परिवहन करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने इस पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि रेत खनन को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना होगा।
मानव जीवन पर खतरा
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अवैध खनन से निर्दोष लोगों की जान जा रही है। प्रदेश में पहले भी अवैध रेत खनन के चलते कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें तीन बच्चियों सहित कई लोगों की मौत हो गई।
अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को निर्धारित की है, जिसमें सरकार को अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।