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नक्सल गढ़ कर्रेगुट्टा में सुरक्षा बलों का ऐतिहासिक प्रदर्शन, लहराया गया तिरंगा

नक्सल गढ़ कर्रेगुट्टा में सुरक्षा बलों का ऐतिहासिक प्रदर्शन, लहराया गया तिरंगा

छत्तीसगढ़/तेलंगाना सीमा :- नक्सलवाद के खिलाफ जारी निर्णायक लड़ाई में सुरक्षा बलों ने एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। एक बड़े अभियान के तहत, जवानों ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित नक्सलियों के एक अभेद्य गढ़, कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया है। यह कार्रवाई देश में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ चल रहे व्यापक प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें सुरक्षा बल पिछले नौ दिनों से लगातार नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं।

यह अभियान, जिसका उद्देश्य क्षेत्र से नक्सली प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त करना है, अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चल रहे इस एंटी-नक्सल ऑपरेशन का आज नौवां दिन है। अनुमानित रूप से 10 से 12 हजार सुरक्षाकर्मियों ने इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पहाड़ी को घेर लिया है। जवानों का लक्ष्य बड़े नक्सली कमांडरों सहित सैकड़ों नक्सलियों को मार गिराना और उनके द्वारा स्थापित किए गए सभी ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त करना है।

हाल ही में, सुरक्षा बलों ने इस दुर्गम पहाड़ी पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। इस ऑपरेशन की जटिलता को देखते हुए, लगभग 500 जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से उतारा गया। प्रारंभ में, इस संयुक्त अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस, तेलंगाना पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल शामिल थे। अब, बिहार और झारखंड से भी केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के कर्रेगुट्टा पहुंचने की खबरें हैं, जो इस ऑपरेशन की व्यापकता और राष्ट्रीय महत्व को दर्शाती हैं।

नक्सलियों के खिलाफ चल रहे इस गहन ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को अब तक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। जवानों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें तीन महिला नक्सली भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, मुठभेड़ स्थलों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। हालांकि, यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चलाया जा रहा है। कर्रेगुट्टा पहाड़ पर तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जिसके कारण कई जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। दुखद रूप से, ऑपरेशन के दौरान तेज गर्मी से लगभग 40 जवान प्रभावित हुए, और दो बहादुर जवान नक्सलियों द्वारा लगाए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की चपेट में आकर घायल भी हुए हैं।

सुरक्षा बलों के उच्च अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह ऑपरेशन अभी नहीं रोका जाएगा और यह पूरी तरह से क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने तक जारी रहेगा। कर्रेगुट्टा से सटे दो अन्य महत्वपूर्ण पहाड़ों की भी पहचान की गई है, जिन पर भी सुरक्षा बल जल्द ही अपना नियंत्रण स्थापित करेंगे। भोपालपटनम इलाके के पहाड़ पर कब्जा करने के बाद, उस ओर से भी आवाजाही सामान्य हो सकेगी। कर्रेगुट्टा में चल रहे इस बड़े नक्सल ऑपरेशन की गंभीरता को देखते हुए, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख तपन डेका ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ऑपरेशन जारी रहेगा और आवश्यकतानुसार अन्य जिलों से भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बैकअप के लिए बुलाया जाएगा।

इस बीच, कर्रेगुट्टा पहाड़ पर जारी इस बड़े नक्सल ऑपरेशन को रुकवाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। तेलंगाना शांति वार्ता समिति के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की और उनसे केंद्र सरकार पर ऑपरेशन रोकने के लिए दबाव बनाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने इस मामले में पहल करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, राज्य के गृह मंत्री शर्मा ने शांति वार्ता के इस प्रयास पर सख्त नाराजगी व्यक्त की है, जिससे इस संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के भीतर अलग-अलग राय सामने आती दिख रही है।

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